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पौष माह की अमावस्या है सोमवती अमावस्या, जानें महत्व और सुख-समृद्धि के उपाय

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नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी है। वहीं, इस तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 30 दिसंबर को पौष अमावस्या मनाई जाएगी।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी है। वहीं, इस तिथि का समापन 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 30 दिसंबर को पौष अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन दान-पुण्य और गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। पौष माह में आने वाली अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

जब अमावस्या के दिन सोमवार हो तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है,ऐसे में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह दिन पूजा-पाठ और दान के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और पितरों की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, यह दिन नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए आदर्श माना गया है।

पौष माह की सोमवती अमावस्या का दिन आत्मशुद्धि, पितृ तर्पण और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक शुभ अवसर है। यदि इस दिन विधिपूर्वक पूजा और उपाय किए जाएं तो घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। इस पावन अवसर का महत्व समझते हुए इसे पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाना चाहिए।