नई दिल्ली : सर्दियों का ये मौसम स्ट्रोक के खतरे को कई गुना तक बढ़ा देता है। दिनचर्या की कुछ गलतियां आपको भी स्ट्रोक का शिकार बना सकती हैं, इसलिए सावधानी बरतते रहना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि ठंड का ये मौसम क्यों खतरनाक है?
ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसके कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो पाता या किसी कारणवश खून का संचार बाधित हो जाता है तो इसके कारण ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। आमतौर पर आपके मस्तिष्क में किसी धमनी के अवरुद्ध होने या रक्तस्राव के कारण स्ट्रोक होता है।
ऑक्सीजन युक्त रक्त के बिना, उस हिस्से में मस्तिष्क की कोशिकाएं डेड होने लगती हैं। ये स्थिति जानलेवा भी हो सकती है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की सलाह देते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सर्दियों का ये मौसम स्ट्रोक के खतरे को कई गुना तक बढ़ा देता है। दिनचर्या की कुछ गलतियां आपको भी स्ट्रोक का शिकार बना सकती हैं, इसलिए सावधानी बरतते रहना बहुत जरूरी है। जिन लोगों को पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है उन्हें और भी सावधानी बरतनी चाहिए।
सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ठंड के मौसम में जैसे-जैसे तापमान गिरता जाता है, ये स्थिति आपकी सेहत के लिए चुनौतियां बढ़ाने वाली हो सकती है। ठंड का मौसम स्ट्रोक के जोखिम कारकों सहित कई अन्य स्वास्थ्य स्थितियों को बढ़ा सकता है।
तापमान में कमी के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। उच्च रक्तचाप स्ट्रोक के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। इसलिए जरूरी है कि न सिर्फ ठंड से बचाव किया जाए साथ ही ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल रखा जाए।
शारीरिक निष्क्रियता और खान-पान की गड़बड़ी
तापमान में कमी के अलावा ठंड के मौसम में, लोग शारीरिक गतिविधियां जैसे व्यायाम-योग भी कम करते हैं। ये गड़बड़ आदत वजन बढ़ाने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ाने वाली हो सकती हैं, ये सभी स्थितियां स्ट्रोक के लिए प्रमुख जोखिम कारक हैं।
इन सबके अलावा ठंड के दौरान हाई कैलोरी, मीठी चीजों के अधिक सेवन के कारण भी स्वास्थ्य पर कई प्रकार से नकारात्मक असर हो सकता है। इससे भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है जिससे स्ट्रोक होने का जोखिम रहता है।
नहाते समय न करें ये गलती
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सर्दियों में नहाते समय बरती गई लापरवाही भी स्ट्रोक का कारण बन सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ठंडे पानी से नहाने से हृदय की समस्या या स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है। असल में ठंडे पानी में नहाने से हृदय गति, श्वास और रक्तचाप में तेजी से वृद्धि होती है। इससे हृदय पर दबाव पड़ सकता है जो गंभीर है। इसके अलावा ठंडे पानी के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ सकती हैं, जिससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है और आप स्ट्रोक का शिकार हो सकते हैं।
डॉक्टर कहते हैं, सर्दियों में नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। नहाने की शुरुआत में कभी भी सीधे सिर पर पानी न डालें। ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए। शावर से नहाने से बचें क्योंकि इससे पानी सीधा सिर पर गिरता है।
स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ब्रेन स्ट्रोक के कारण कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं, इसके संकेतों को पहचानना जरूरी है।
चेहरे का एक हिस्सा लटक गय या सुन्न हो गया हो।
अगर हंसते या मुस्कुराते समय चेहरे का एक हिस्सा असमान तरीके से झुक गया हो तो यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
एक हाथ कमजोर या सुन्न हो जाना। व्यक्ति से दोनों हाथ ऊपर उठाने के लिए कहें, अगर एक हाथ नीचे की ओर झुक जाता है या कमजोर महसूस होता है, तो यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
बोलने में कठिनाई होना या स्पष्ट रूप से न बोल पाना भी अलार्मिंग है।
इस तरह के संकेत किसी में दिख रहे हैं तो तुरंत अस्पताल ले जाएं। समय पर इलाज होने से गंभीर जटिलताओं और जान जाने का खतरा कम हो सकता है।
