नई दिल्ली : गर्दन, पीठ या कमर के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। शरीर की इन समस्याओं के बारे में जानकर सही तरीके से इसका इलाज किया जा सकता है।
भागदौड़ भरी जिंदगी में गर्दन, पीठ और कमर दर्द की समस्या सामान्य हो गई है। यह दर्द कभी हल्का होता है, लेकिन कई बार इतना बढ़ जाता है कि दैनिक जीवन की सामान्य गतिविधियां भी मुश्किल हो जाती हैं। सर्दियों में शरीर में दर्द आमतौर पर बढ़ जाता है। गर्दन, पीठ या कमर के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। शरीर की इन समस्याओं के बारे में जानकर सही तरीके से इसका इलाज किया जा सकता है। आइए जानते हैं पीठ और कमर दर्द के कारण और इससे निजात पाने के प्राकृतिक तरीके।
गर्दन, पीठ और कमर दर्द के प्रमुख कारण
गलत मुद्रा
लंबे समय तक गलत तरीके से बैठना या खड़े रहना के कारण शरीर में दर्द होने लगता है। खासकर दफ्तर में कंप्यूटर पर काम करते समय गर्दन और पीठ दर्द का दर्द बढ़ना आम कारण है।
अत्यधिक शारीरिक गतिविधि
अचानक भारी वजन उठाना या शरीर को अत्यधिक थकाने वाली गतिविधियां करने से मांसपेशियों में खिंचाव आता है और दर्द बढ़ सकता है।
शारीरिक व्यायाम की कमी
शारीरिक गतिशीलता की कमी से भी शरीर में दर्द की शिकायत होना सामान्य है। नियमित व्यायाम न करने से शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं जिससे पीठ और कमर दर्द होने लगता है।
गर्दन, पीठ और कमर दर्द से बचाव के उपाय
शरीर के दर्द से राहत पाने के लिए सही मुद्रा अपनाएं। बैठते और खड़े होते समय अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। कैल्शियम, विटामिन डी से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करें और गर्म पानी से सिकाई करें ताकि मांसपेशियों को आराम मिल सके। इसके अलावा योग, स्ट्रेचिंग और हल्के व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं और दर्द से राहत दिलाते हैं। यहां कुछ योगासन बताए जा रहे हैं जो गर्दन, पीठ और कमर के दर्द से राहत दिला सकते हैं।
पीठ और कमर दर्द में करें ये योगासन
ताड़ासन
ताड़ासन शरीर की मुद्रा को एकदम सीधा रखने में सहायक है, जिससे पोस्चर में सुधार होता है। ये कमर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और गर्दन और पीठ दर्द में आराम मिलता है।
भुजंगासन
नियमित भुजंगासन का अभ्यास पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक है। इससे रीढ़ की हड्डी लचीली बन सकती है और कमर व पीठ दर्द में राहत मिल सकती है।
उष्ट्रासन
अगर आपके शरीर की पीछे के हिस्से में यानी गर्दन, पीठ और कमर में दर्द बना रहता है तो उष्ट्रासन का अभ्यास शुरू कर दें। इस आसन के कई शारीरिक फायदे हैं। उष्ट्रासन से छाती खुलती है और पीठ की मांसपेशियां खिंचती है।
धनुरासन
शरीर को मजबूत और पीठ को लचीला बनाने के लिए धनुरासन का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है। पेट की चर्बी को कम करने के साथ ही पीठ मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
शलभासन
रोजाना शलभासन करने से मांसपेशियां मजबूत होती है। ये गर्दन और कमर में खिंचाव लाता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ और कमर का दर्द कम होता है। सर्दियों में शरीर की जकड़न को कम करता है।