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अज्ञानता की ट्रैक पर विधिक साक्षरता जागरूकता की रफ्तार : हर एक कार्य कानूनी दायरे में रहकर ही किया जाना चाहिए – जिला सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार साहू. ‌….

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कोरबा /सत्येंद्र कुमार साहू जिला सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष विधिक सेवा प्राधिकरण,कोरबा के निर्देशानुसार कुमारी डिंपल सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के मार्गदर्शन नेतृत्व में पैरालीगल वालेंटियर्स के माध्यम विभिन्न विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन जागरूक करने किया जा रहा है।

बाल सम्प्रेषण गृह का आकस्मिक निरीक्षण कर विधिक जानकारी प्रयोजनार्थ सतेन्द्र कुमार साहू जिला सत्र न्यायाधीश द्वारा सरल शब्दों में बाल सुधार ग्रह के बालकों को संबोधित करते हुए कहा गया कि यहां हमारे लिए अच्छे से टेबल लगाया गया है टेबल के ऊपर आप लोग है और टेबल के उस पर आप लोग हैं और इस पार हम लोग ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि हम लोगों ने अच्छे से मेहनत किया अच्छी पढ़ाई लिखाई किया तभी हम लोग इस पर हैं और आप लोग जाने अनजाने में गलती से अपराध कर लिए जिसका यहां पश्र्च्याताप कर रहे हैं और यहां से निकलने के बाद खूब मेहनत कीजिए मेहनत करके आप अच्छे से जिंदगी जी सकते हैं किसी भी व्यक्ति के बहकावे में ना आए आप लोग कानून के बारे में जानते हैं अपराध करेंगे तो सजा अवश्य ही मिलेगी अगर अपराध नहीं किए हैं तो आप बिल्कुल बच जाएंगे कोई भी अपराध करता है उसको न्याय की गवाहों के माध्यम से उसका परीक्षण करता है उसके आधार पर नियमानुसार सजा का प्रावधान होता है बाल सुधार गृह में आप अपने जीवन को जानने की कोशिश करें कि किस कारण से यहां आए हैं।


कानून की जानकारी रखना इसलिए आवश्यक होता है की प्रतीक कार्य कानून के दायरे में रहकर ही किया जाता है कोई शादी करेगा तो वह भी विधि विधान से करेगा पढ़ाई लिखाई कानून से होती है हर कार्य कानून से चलता है जो कानून का उल्लंघन करता है उसे सजा मिलती है जिला सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष महोदय द्वारा बाल सुधार देने विरुद्ध बंधिया को उनके खाने का समय खाने में क्या-क्या मिलता है बच्चों के पढ़ाई लिखाई के लिए क्या उन्हें पुस्तक प्रदान किया जाता है तथा उनके आवासीय सुविधा की जानकारी लिया गया
कुमारी डिंपल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है 14 वर्ष से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में सोचने समझने की क्षमता बेस्ट से कम होती है 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बीड़ी बनाना सीमेंट कारखाने में सीमेंट बनाना पटाखे या बारूद बनाना एवं सिलाई जैसे खतरनाक क्षेत्र में बाल नहीं रखा रख सकता है युक्त कार्यक्रम में परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास कोरबा एवं पीएलबी उपस्थित थे।