नई दिल्ली:– देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का गया जी आना ऐतिहासिक रहा। राष्ट्रपति ने विष्णुपद में पिंडदान किया। शनिवार की सुबह विष्णुपद मंदिर में गयाश्राद्ध करने के बाद द्रौपदी मुर्मु गया जी में पिंडदान करने वाली पहली राष्ट्रपति बन गईं। उन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए पिंडदान किया। इससे पहले गया जी में दो राष्ट्रपति आर वेंकटरमण व ज्ञानी जैल सिंह आए थे, लेकिन दोनों ने पिंडदान नहीं किया था
श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि विष्णुनगरी में शनिवार को पहली बार भारत के किसी राष्ट्रपति ने पिंडदान किया। यह गया जी व खासकर विष्णुपद मंदिर के लिए ऐतिहासिक दिन रहा। शनिवार का दिन गयापाल के बही-खातों के साथ इतिहास के पन्नों में अमर हो गया।
तर्पण से लेकर पिंडदान में चांदी के बर्तन का उपयोग
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विष्णुपद मंदिर के हरि मंडप में बने स्पेशल केबिन में पिंडदान किया। पिंडदान कराने वाले गयापाल मंगल झंगर ने बताया कि राष्ट्रपति ने पूरे विधान के साथ पिंडदान किया। चांदी के पांच कलश पर नारियल रखकर स्थापना की। पिंडदान में चांदी के पांच सेट बर्तन रखीं। चांदी के पात्र से तर्पण किया। चांदी के अरघा के साथ अन्य पात्र उपयोग किए। राष्ट्रपति ने गयापाल के बही-खातों पर अपना नाम, पता लिखने के साथ हस्ताक्षर भी कीं।
सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर शनिवार की सुबह से ही विष्णुपद इलाके की सुरक्षा कड़ी रही। खासकर विष्णुपद मंदिर के पिछला दरवाजा श्री लक्ष्मी नारायण उद्यान वाले इलाके को कब्जे में ले लिया। सुबह करीब 8 बजे 11.30 बजे तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। इस दौरान डीएम शशांक शुभंकर और एसएसपी आनंद कुमार आदि मौजूद रहे।
गया हवाई अड्डे पर राज्यपाल ने किया स्वागत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शनिवार की सुबह 9:15 बजे विशेष विमान से गयाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचीं। उनका स्वागत बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने रनवे पर बुके देकर किया। मौके पर बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, डीजीपी विनय कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. सफीना एएन, आईजी क्षत्रनील सिंह, डीएम शशांक शुभंकर और एसएसपी आनंद कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।