नई दिल्ली : इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से जल्द असर दिखता है और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत करता है और श्वसन मांसपेशियों में ताकत लाने में सहायक है। प्राणायाम के अभ्यास से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। प्राणायाम कई प्रकार के होते हैं। अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं और स्वास्थ्य लाभ के लिए विभिन्न प्राणायाम के विकल्प हैं। इसमें से भ्रामरी प्राणायाम एक शांतिदायक योग क्रिया है, जिसमें मधुमक्खी जैसी भिनभिनाहट की ध्वनि उत्पन्न की जाती है। यह मानसिक शांति और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से जल्द असर दिखता है और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
भ्रामरी प्राणायाम के छह प्रमुख स्वास्थ्य लाभ
तनाव और चिंता कम करता है
भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास मस्तिष्क की नसों को शांत करता है और तनाव हार्मोन के स्तर को कम करता है। इससे व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और चिंता से राहत मिलती है।
नींद में सुधार
नियमित अभ्यास से अनिद्रा की समस्या दूर होती है। भ्रामरी प्राणायाम मस्तिष्क को शांत करके अच्छी नींद लाने में मदद करता है।
मस्तिष्क को तेज बनाता है
यह प्राणायाम ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है और याददाश्त को बेहतरीन है। बच्चों और छात्रों के लिए यह अभ्यास विशेष रूप से फायदेमंद है।
रक्तचाप नियंत्रित करता है
भ्रामरी प्राणायाम हृदय गति को सामान्य करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
सांस संबंधी समस्याओं में सुधार
भ्रामरी प्राणायाम फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में आराम दिलाता है। भ्रामरी प्राणायाम से ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है।
इम्यूनिटी मजबूत होती है
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके शरीर को रोगों से दूर रखा जा सकता है। ये योगासन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में सहायक है, जिससे शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद मिलती है।
भ्रामरी प्राणायाम कैसे करें
स्टेप 1- प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले जमीन पर आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं और आंखें बंद करके गहरी सांस लें।
स्टेप 2- फिर दोनों हाथों से कानों को बंद करें और अंगूठे से कानों को दबाएं। बाकी उंगलियों को माथे पर रखें।
स्टेप 3- गहरी सांस लेते हुए ऊँ का उच्चारण करें और मधुमक्खी जैसी ध्वनि निकालें। यह प्रक्रिया 5-10 बार दोहराएं।