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शिक्षा विभाग के सहायक संचालक का शर्मनाक कारनामा — शराब के नशे में शिक्षकों से अभद्रता, प्रशासन अब तक मौन…

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छत्तीसगढ़:–शिक्षा विभाग का संभागीय कार्यालय इन दिनों गम्भीर विवाद का केन्द्र बना हुआ है। सहायक संचालक मुकेश मिश्रा द्वारा शराब के नशे में शिक्षकों के साथ की गई बदसलूकी ने पूरे विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। घटना के दौरान मिश्रा ने न सिर्फ महिला शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार किया बल्कि पुरुष शिक्षकों से भी गाली-गलौज और धमकीभरी बातें की। हद तो तब हो गई जब उन्होंने शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारियों के प्रति भी अशोभनीय और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया।

इस घटना ने न सिर्फ शिक्षा विभाग की गरिमा को ठेस पहुंचाई है बल्कि अधिकारियों की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षकों के अनुसार यह पहली बार नहीं है; पहले भी मिश्रा पर शराब पीकर दफ्तर आने और दुर्व्यवहार करने की शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन विभाग हर बार अनदेखी करता रहा।

कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए नरेंद्र मोदी विचार मंच राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्रा ने कहा है —
“इस प्रकार की हरकतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यह देखकर दुख होता है कि सरकारी कर्मचारी इस तरह की अमर्यादित हरकतें कर रहे हैं। शिक्षा विभाग को तो ‘ज्ञान का मंदिर’ कहा जाता है, लेकिन जब वहीं इस प्रकार की घटनाएं होंगी, तो यह अस्वीकार्य है। शासन-प्रशासन को बिना देरी किए कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।”

इधर, सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मूरत कौशिक ने भी विभागीय चुप्पी पर नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यदि शीघ्र आरोपी पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे मजबूरन सड़कों पर उतरेंगे।

विभागीय प्रमुख संयुक्त संचालक (जेडी) की खामोशी को लेकर विभागीय गलियारों में भी कानाफूसी शुरू हो गई है। चर्चा है कि यदि किसी सामान्य शिक्षक या कर्मचारी द्वारा यह हरकत होती, तो तत्काल निलंबन और एफआईआर हो चुकी होती। लेकिन उच्च पदस्थ अधिकारी पर अब तक कोई कार्रवाई न होना विभागीय संरक्षण का संकेत देता है।

विभागीय सूत्र बताते हैं कि यह पहला मौका है जब संभागीय शिक्षा कार्यालय में इस तरह की शर्मनाक घटना घटी है। शिक्षक संगठनों में भी रोष है और वे इस पूरे मामले पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अब देखना यह है कि क्या शिक्षा विभाग आरोपी सहायक संचालक के खिलाफ निष्पक्ष और सख्त कदम उठाएगा या एक बार फिर रसूखदारों के दबाव में यह गंभीर मामला भी दबा दिया जाएगा।