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एक फोन काॅल के लिए पड़ोसी के घर पहुंचे थे मनमोहन सिंह, फिर हुई ऐसी घटना जानकर यकीन नहीं होगा

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नई दिल्ली : इस बात के कई प्रमाण मिल जाएंगे जब बड़े-बड़े पदों पर बैठे हुए लोग अपनी सादगी नहीं भूलते। इनमें से एक थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह। मनमोहन सिंह जी का एक ऐसा किस्सा है जिसे सुनकर आप भी कहेंगे कि सादगी हो तो ऐसी।

रजनीश कपूर

आर्थिक सुधारों के जनक और 10 वर्ष तक देश की कमान संभालने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। वे भारतीय राजनीति की ऐसी शख्सियत थे, जो बेहद कम बोलते थे। मगर जब बोलते, तो बेहद मजबूती से। हालात कैसे भी विषम हों, हालात कितने भी विकट हों, वे चुपचाप हल निकाल लेते थे। जिनकी खामोशी भी बोलती थी…अब वह शख्सियत हमेशा के लिए मौन हो गई। उन्होंने 92 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। उनकी सादगी के किस्से उस दौर में भी सुनने को मिल जाते थे।

जब भी कोई व्यक्ति किसी बड़े पद पर पहुंचता है तो यह स्वाभाविक है कि वो पद के घमंड में चूर-चूर हो जाता है। परंतु आपको इस बात के कई प्रमाण मिल जाएंगे जब बड़े-बड़े पदों पर बैठे हुए लोग अपनी सादगी नहीं भूलते। इनमें से एक थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह। मनमोहन सिंह जी का एक ऐसा किस्सा है जिसे सुनकर आप भी कहेंगे कि सादगी हो तो ऐसी।

बात उन दिनों की है जब डॉ सिंह भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। मेरे मामा जो कि लेबर लॉ के जाने माने वकील थे, वे केंद्रीय दिल्ली की एक पॉश कॉलोनी में रहते थे और वहीं उनका चैम्बर भी था।

एक दिन मामा जी के मकान मालिक का नौकर ग्राउंड फ्लोर से प्रथम मंजिल पर आया और बोला कि उनके घर कोई मेहमान आए हैं और उन्हें एक जरूरी फोन करना है। लेकिन उनका फोन खराब हो गया था और वो यह पूछने आया कि क्या वो मामाजी का फोन इस्तेमाल कर सकते हैं?

मामाजी ने बिना हिचकिचाए कहा कि आपके मेहमान हमारे मेहमान वो आराम से जितने चाहें फोन कर सकते हैं।

थोड़ी ही देर में एक साधारण शख्सियत वाले सरदार जी ऊपर आए और अपने ज़रूरी फोन निपटाए। फोन करने के बाद उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए अपनी जेब से दस रुपये का नोट निकाला और कहा कि आपका फोन इस्तेमाल किया उसके पैसे।

मामाजी ने पैसे लेने से इनकार करते हुए कहा कि क्यों शर्मिंदा कर रहे हैं? आप ओबरॉय जी के मेहमान हैं तो हमारे भी मेहमान हुए। जैसे ही औपचारिक मेल मिलाप हुआ तो उन्होंने अपना नाम बताते हुए कहा कि “मैं डॉ मनमोहन सिंह हूँ, डिप्टी गवर्नर RBI”