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सर्दियों में बच्चे से जरूर कराएं इन योगासनों का अभ्यास, मिलते हैं कई लाभ

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नई दिल्ली : सर्दियों में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। नियमित योगाभ्यास उन्हें स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखता है। यह न केवल शरीर को गर्म रखता है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें मजबूत बनाता है। आइए जानते हैं ऐसे पांच योगासन जो सर्दियों में बच्चों के लिए लाभकारी हैं।

सर्दियों में शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस मौसम में योग अभ्यास से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। योग से रक्त संचार में सुधार होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होने के साथ ही जोड़ों और मांसपेशियों में लचीलापन आता है। वजन नियंत्रित होता है और शरीर को ऊर्जा व गर्माहट मिलने से ठंड में राहत मिलती है।

योग किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। सभी के लिए योग का सकारात्मक असर होता है। बच्चों के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास, एकाग्रता बढ़ाने में योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग से बच्चों में लचीलापन, संतुलन और मांसपेशियों की शक्ति बढ़ती है। योग से बच्चे की एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बेहतर होती है। बच्चों में सकारात्मक सोच और खुशहाल जीवन शैली का विकास होता है। नियमित योगाभ्यास से बच्चों का समग्र विकास होता है जिससे वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।

सर्दियों में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। नियमित योगाभ्यास उन्हें स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखता है। यह न केवल शरीर को गर्म रखता है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें मजबूत बनाता है। आइए जानते हैं ऐसे पांच योगासन जो सर्दियों में बच्चों के लिए लाभकारी हैं।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार काफी असरदार योग क्रिया है। ये 12 आसनों का एक सेट है, जिसके अभ्यास से शरीर को गर्माहट मिलती है और रक्त संचार बढ़ता है। बच्चे को 5-7 चक्र सूर्य नमस्कार करने के लिए प्रेरित करें। इससे उनके शरीर में लचीलापन आएगा और ऊर्जा का संचार हो सकता है।

भुजंगासन

इस आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और शरीर की कठोरता को दूर किया जा सकता है। बच्चे को पेट के बल लेटकर हाथों के सहारे शरीर के ऊपरी भाग को ऊपर उठाने के लिए कहें।

वृक्षासन

वृक्षासन शरीर का संतुलन बेहतर बनाता है और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। बच्चे को एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को जांघ पर टिकाने के लिए कहें। ध्यान केंद्रित कर हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ें।

बालासन

यह आसन शरीर को आराम देता है और सर्दियों में मांसपेशियों को तनाव मुक्त करता है। बच्चे को घुटनों के बल बैठकर आगे की ओर झुकने के लिए कहें, ताकि माथा ज़मीन पर लग जाए।

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धनुरासन

यह आसन पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन को सुधारता है। बच्चे को पेट के बल लेटकर दोनों पैरों को पकड़कर शरीर को धनुष के आकार में मोड़ने के लिए कहें।