नई दिल्ली : इस स्कीम के जरिए सरकार देश के गरीब कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनको स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाना चाहती है।
भारत सरकार देश में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए कई शानदार योजनाओं का संचालन कर रही है। इसी सिलसिले में 17 सितंबर, 2023 को विश्वकर्मा जयंती के खास अवसर पर केंद्र सरकार ने देश के गरीब शिल्पकारों और कारीगरों के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी। यह भारत सरकार की एक बेहद ही शानदार स्कीम है। इस स्कीम के जरिए सरकार देश के गरीब कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनको स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाना चाहती है। इसके अलावा इस स्कीम के जरिए सरकार इन कारीगरों और शिल्पकारों को देश के विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ना चाहती है। इस स्कीम के अंतर्गत लाभार्थी शिल्पकारों और कारीगरों को कई लाभ मिलते हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं इस स्कीम के अंतर्गत सरकार क्या-क्या लाभ देती है?
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर कारीगरों और शिल्पकारों को स्किल ट्रेनिंग देती है। यह ट्रेनिंग 15 दिनों के लिए होती है। ट्रेनिंग के समय हर दिन उनको 500 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाता है।
ट्रेनिंग जब खत्म हो जाती है तो कारीगरों और शिल्पकारों को टूलकिट खरीदने के लिए एकमुश्त 15 हजार रुपये दिए जाते हैं। यही नहीं, पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत लाभार्थी को कुल 3 लाख रुपये का लोन दिया जाता है।
3 लाख रुपये के लोन को कुल 2 चरणों में दिया जाता है। पहले चरण में 1 लाख रुपये का लोन दिया जाता है। वहीं दूसरे चरण में व्यवसाय के विस्तार के लिए 2 लाख रुपये का लोन दिया जाता है।
इस लोन पर शिल्पकारों और कारीगरों को 5 प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान करना होता है। देश में यह स्कीम काफी लोकप्रिय है। इस स्कीम के जरिए सरकार देश के करीब 30 लाख से ज्यादा पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को लाभान्वित करना चाहती है।