नई दिल्ली : लेदर की जैकेट न सिर्फ आपके लुक को स्टाइलिश बनाती है, बल्कि सर्दी से भी बचाती है। इसे खरीदने से पहले एक बार सही से पहचान करें कि ये असली है या फिर नकली।
भले ही समय के साथ फैशन में बदलाव होता रहता है, लेकिन सालों से एक चीज नहीं बदली। ये चीज है लेदर की जैकेट। लेदर की जैकेट आज भी क्लासी लुक के लिए कैरी की जाती है। पुरुषों के साथ-साथ अब तो महिलाएं भी लेदर की जैकेट पहनकर अपना खूबसूरत अंदाज दिखाती हैं। ये न सिर्फ पहनने में अच्छी लगती है, बल्कि इसे पहनकर सर्दी से भी बचाव होता है। इसलिए हर किसी के पास एक न एक लेदर की जैकेट अवश्य होती है।
वैसे तो लेदर की जैकेट काफी महंगी आती है, लेकिन कई जगह लोग कम दामों में भी लेदर जैकेट बेच देते हैं। ये जैकेट असली है या नकली, खरीदने से पहले इस बात का पता लगाना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में हम आपको यहां असली और नकली लेदर जैकेट की पहचान का तरीका बताने जा रहे हैं, जिनको फॉलो करके आप असली प्रोडक्ट ही खरीदेंगे।
गंध की पहचान करें
लेदर खरीदते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि असली चमड़ा प्राकृतिक रूप से एक खास गंध छोड़ता है, जोकि मिट्टी जैसी होती है, जबकि नकली चमड़ा आमतौर पर एक रासायनिक गंध छोड़ता है, जो प्लास्टिक या कृत्रिम सामग्रियों से मिलता-जुलता होता है।
छूकर देखें
ध्यान रखें कि असली चमड़ा मुलायम, लचीला और गर्म महसूस होता है, जबकि नकली चमड़ा आमतौर पर ठंडा, कठोर और चिकना लगता है। असली लेदर को दबाने पर उसमें रिंकल्स पड़ने लगते हैं, जबकि नकली वाले में कोई फर्क नहीं पड़ता, ये काफी मुलायम होता है।
सतह करें चेक
असली चमड़े की सतह पर काफी खामियां होती हैं और रेखाएं बनी होती हैं, जबकि नकली चमड़े में एक समतल और म्यूट दिखने वाली सतह होती है, जिसमें कोई प्राकृतिक अनियमितताएं नहीं होतीं।
पानी के साथ करें टेस्ट
असली चमड़ा पानी को सोख लेता है, जिससे यह थोड़ा गीला और सूखने पर मुलायम हो जाता है। नकली चमड़ा पानी को अपने ऊपर रखता है और वह इसका अवशोषण नहीं करता, बल्कि सतह पर पानी की बूंदें रहती हैं।
लचीलापन देखें
असली चमड़ा बहुत लचीला और नरम होता है, जिसे आसानी से मोड़ा या खींचा जा सकता है जबकि नकली चमड़ा तंग और कठोर होता है, और उसे मोड़ने पर यह टूट सकता है या नुकसान हो सकता है।