नई दिल्ली : कामकाजी महिलाएं और हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं अक्सर पैकेज्ड फूड का सेवन करती हैं, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता। मगर थोड़ी-सी समझ से आप सही पैकेज्ड फूड का सेवन कर सकती हैं।
जब खाने की बात आती है तो हम सभी ऑर्गेनिक और फ्रेश उत्पादों की ओर भागते हैं, क्योंकि इनको स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। संतुलित जीवन जीने के लिए स्वस्थ विकल्पों का होना बहुत जरूरी है, लेकिन समय के साथ खान-पान से जुड़ी धारणाएं बदल रही हैं। आज पैकेज्ड फूड हम सबकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, क्योंकि यह कामकाजी लोगों के लिए काफी सुविधाजनक है। फिर चाहे वह घर से दूर रह रहे छात्र-छात्राएं हों, कामकाजी महिलाएं हों, बच्चे हों या शहर से दूर-दराज के स्थानों पर काम करने वाले लोग। इनके लिए डिब्बा बंद भोजन किसी वरदान से कम नहीं। ऐसे में सभी पैकेज्ड फूड से परहेज करने के बजाय आपको नुकसानदायक पैकेज्ड फूड से बचने के बारे में सोचना चाहिए।
पैकेट पर क्या लिखा है
आज के समय में पैकेज्ड फूड को पूरी तरह नजरअंदाज करना लगभग नामुमकिन है। कारण, ये खाने में स्वादिष्ट होते हैं, कहीं भी आसानी से उपलब्ध होते हैं, तरह-तरह की वैरायटी में मिलते हैं, लंबे समय तक चलते हैं, सस्ते और रेडी-टू-ईट होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में फ्रोजन फूड, इंस्टेंट कप नूडल्स, प्रोसेस्ड ड्राई फ्रूट मिक्सचर, आलू चिप्स, बिस्किट, प्रोसेस्ड सेव, मिक्सर, भुजिया, नमकीन, स्नैक आइटम आदि शामिल हैं, जिनको चाय के साथ नाश्ते में खाना पसंद किया जाता है। इन खाद्य पदार्थों में अक्सर सोडियम की मात्रा अधिक होती है, एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव होते हैं और पोषक तत्वों की कमी होती है। इसलिए ऐसे भोज्य पदार्थ खरीदते समय आपको उनके पैकेट पर लिखी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सर्विंग साइज
कुछ खाद्य पदार्थ सिर्फ एक व्यक्ति को परोसने के लिए होते हैं, जबकि कुछ एक से अधिक लोगों के खाने के लिए बनाए जाते हैं। इसे जांचने के लिए आप सर्विंग साइज देख सकती हैं, जो कि डिब्बा बंद या पैकेज्ड फूड के हर पैकेट पर लिखे होते हैं। उदाहरण के लिए, जूस के एक पैकेट पर 100 मिलीलीटर जूस में मिलने वाले पोषण का उल्लेख होता है, जो कि एक व्यक्ति के लिए उपयुक्त है। इस प्रकार यदि आप एक व्यक्ति के लिए आदर्श मात्रा से ज्यादा जूस पीती हैं तो दोगुनी कैलोरी का सेवन करेंगी। फ्रूट जूस की एक बोतल में कम से कम 200 मिलीलीटर सर्विंग साइज होता है, जिसका मतलब है कि आप दोगुनी कैलोरी का सेवन कर रही हैं।
पोषक तत्वों की मात्रा
अपने और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अधिक और कम नुकसान पहुंचाने वाले पैक्ड स्नैक्स के बीच अंतर करने के लिए जरूरी है कि आप पैकेट पर लिखी प्रति सर्विंग में सैचुरेटेड फैट की मात्रा को जांचें। आप ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें, जिनमें वसा की मात्रा कम हो। यदि प्रति 100 ग्राम स्नैक में 1.5 ग्राम से कम सैचुरेटेड फैट है तो इसे हानिकारक नहीं माना जा सकता। इसी तरह आपको ट्रांस फैट के स्तर पर भी नजर रखनी चाहिए। यह वसा बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है, जबकि गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें, जिनमें एक ग्राम से कम या जीरो ट्रांस फैट हो।
सोडियम की बात करें तो यह नमक का मुख्य घटक है। यदि लेबल पर 100 मिलीग्राम सोडियम का उल्लेख है तो इसका मतलब है कि स्नैक में 250 ग्राम नमक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, व्यक्ति को प्रतिदिन 2,300 मिलीग्राम से अधिक सोडियम का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको सामग्री सूची और पोषक तत्वों की लिस्ट में एडेड शुगर और नेचुरल शुगर की मात्रा भी जांच लेनी चाहिए, क्योंकि एडेड शुगर कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देती है।
किसके लिए कितना आहार
यदि आपके घर में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता हैं तो जरूरी है कि आप पोषण लेबल पर मौजूद आरडीए यानी रिकमेंडेड डायटरी अलाउंस के स्तर पर नजर रखें। आरडीए स्तर आपकी उम्र, लिंग, जीवन-शैली और शारीरिक-मानसिक गतिविधियों के आधार पर वसा, प्रोटीन, विटामिन, खनिज और ऊर्जा की मात्रा को इंगित करता है। इस प्रकार आप यह समझ पाएंगी कि किसी विशेष खाद्य पदार्थ में प्रति सर्विंग आपकी जरूरत से वसा की मात्रा ज्यादा है या नहीं।
शेल्फ लाइफ
पैकेज्ड फूड पर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का लोगो होने का मतलब है कि उत्पाद नियामक संस्था द्वारा अनुमोदित है, सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरता है। सभी पैक किए गए खाद्य पदार्थों के लेबल पर या तो बेस्ट बिफोर डेट या एक्सपायरी डेट लिखी होती है। बेस्ट बिफोर डेट से पता चलता है कि जब खाद्य पदार्थ को उचित स्थिति में रखा जाए तो उस तारीख तक इसकी गुणवत्ता अच्छी रहेगी, हालांकि उसमें वह गुणवत्ता या पोषण तत्व नहीं बचेंगे। वहीं एक्सपायरी डेट का मतलब है कि स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से उसे एक निश्चित तारीख के बाद नहीं खाना चाहिए। इन सभी मानकों का ध्यान रखकर आप पैकेज्ड फूड से होने वाले नुकसान से बच सकती हैं और इनका सेवन भी कर सकती हैं।