नई दिल्ली : एचएमपीवी को लेकर कुछ अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने बताया, संक्रमण की गंभीर स्थिति में एचएमपीवी के कारण एक्यूट किडनी इंजरी का खतरा हो सकता है। ये संक्रमण और किस तरह से शरीर को नुकसान पहुंचाता है आइए इस बारे में जानते हैं।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस अब तक दुनिया के कई देशों में फैल चुका है। दिसंबर के मध्य से चीन में शुरू हुआ इसका संक्रमण छह जनवरी को पहली बार भारत में रिपोर्ट किया गया। ये अबतक कई राज्यों में फैल चुका है, संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को इससे बचाव को लेकर सावधानी बरतते रहने की अपील की है। बच्चों और बुजुर्गों में इस संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जा रहे हैं, हालांकि अच्छी बात ये है कि अधिकतर लोग आसानी से ठीक हो रहे हैं और गंभीर जटिलताएं नहीं देखी जा रही हैं।
जैसा की कई रिपोर्ट्स में बताया जाता रहा है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। करीब 25 साल से वैज्ञानिकों को इस वायरस की जानकारी है। चीनी स्वास्थ्य विभाग ने एक हालिया रिपोर्ट में जानकारी दी है कि भले ही इस बार संक्रमण के मामलों को लेकर काफी चर्चा हो रही है फिर भी देश में एचएमपीवी के कुल मामले, पिछले साल इसी अवधि की तुलना में कम हैं।
चूंकि वायरस में दो नए म्यूटेशनों के बारे में पता चला है जो इसकी संक्रामकता दर को बढ़ाने वाले माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि संभवत: इन्हीं म्यूटेशनों के कारण इस बार वायरस का प्रसार इतना अधिक देखा जा रहा है।
संक्रमितों में गंभीर स्थितियों का खतरा
एचएमपीवी को लेकर कुछ अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने बताया, संक्रमण की गंभीर स्थिति में एचएमपीवी के कारण एक्यूट किडनी इंजरी का खतरा हो सकता है। ये संक्रमण और किस तरह से शरीर को नुकसान पहुंचाता है आइए इस बारे में जानते हैं।
अमर उजाला से बातचीत में पुणे स्थित एक अस्पताल में श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ समीर भारद्वाज बताते हैं, एचएमपीवी वैसे तो मुख्यरूप से श्वसन वायरस है और ज्यादातर लोगों में खांसी, बुखार, गले में खराश, बहती या बंद नाक, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षण पैदा करता है, हालांकि कुछ लोगों को ये काफी बीमार कर सकता है।
कुछ रिपोर्ट्स कहते हैं, एचएमपीवी के कारण पाचन से संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं, आइए इस बारे में जानते हैं।
संक्रमितों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का खतरा
क्या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का संक्रमण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण भी पैदा करता है? इस बारे में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ रमन शेखर ने बताया वायरस हमारे शरीर को कई प्रकार से प्रभावित कर सकते हैं। जैसा की कोविड के समय में भी देखा गया था। श्वसन वायरस होने के बावजूद कोविड के कारण कई तरह की स्वास्थ्य जटिलताएं देखी गईं।
एचएमपीवी कुछ लोगों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बन सकता है जिसमें आपको मतली या उल्टी या पेट में दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। हालांकि इस तरह की शिकायत के मामले बहुत कम देखे जाते रहे हैं।
आंतों में सूजन का बन सकता है कारण
कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कमजोर इम्युनिटी या फिर पहले से कोमोरबिडिटी के शिकार कुछ लोगों में एचएमपीवी आंतों में सूजन का कारण भी बन सकता है जिसके कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों का खतरा रहता है। हालांकि सभी संक्रमितों को ये दिक्कत हो ये आवश्यक नहीं है। एचएमपीवी का मूल वायरस इतना हल्का रहा है कि इससे संक्रमित अधिकतर लोग बिना किसी खास उपचार के ही ठीक हो जाते हैं।
अक्सर सर्दियों के दौरान फैलता है इसका संक्रमण
एम्स ऋषिकेश की निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने बताया, यह कोई नया वायरस नहीं है। यह आमतौर पर सर्दियों के दौरान अधिक फैलता रहा है। आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और प्रतिरक्षा प्रणाली की शिकायत वाले व्यक्तियों में इसका खतरा देखा जाता रहा करता है। संक्रमण को लेकर ज्यादा चिंता की आवश्यकता नहीं है।
विशेषज्ञों ने एचएमपीवी से बचाव के लिए सभी लोगों को निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह दी है।