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कटोरा तालाब स्थित ‘द पंजाबी रसोई’ में स्वाद के नाम पर छलावा, सावन के पावन माह में धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़, कर्मचारियों को नहीं मिल रहा वेतन, मिल रही धमकियां…

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छत्तीसगढ़:–राजधानी रायपुर के कटोरा तालाब क्षेत्र में स्थित चर्चित रेस्टोरेंट ‘द पंजाबी रसोई’ इन दिनों लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। एक ओर जहां यहां की खाद्य गुणवत्ता, स्वच्छता और धार्मिक भावना से जुड़ी लापरवाहियां उजागर हो रही हैं, वहीं अब कर्मचारियों के शोषण का मामला भी सामने आ गया है।

रेस्टोरेंट में शाकाहारी (वेज) और मांसाहारी (नॉनवेज) भोजन को एक ही कड़ाही और चम्मच से तैयार और परोसा जा रहा है, जिससे धार्मिक और स्वास्थ्य दोनों मानकों का उल्लंघन हो रहा है। यह सब मैनेजर राजेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में हो रहा है।

सावन के इस पवित्र पर्व में जब लोग शुद्ध भोजन की कामना करते हैं, ‘द पंजाबी रसोई’ में ऐसा भोजन परोसा जा रहा है जो धार्मिक आस्थाओं को गहरी चोट पहुंचा रहा है।

इसके साथ ही एक और चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है –
यहां कार्यरत कर्मचारियों को बीते तीन महीने से वेतन तक नहीं दिया गया है। मजबूरी का आलम यह है कि न वो काम छोड़ पा रहे हैं, और न कहीं दूसरी जगह जा पा रहे हैं। जब वेतन की मांग करते हैं तो उन्हें धमकियां दी जाती हैं, यहां तक कि ‘जिंदगी दिखा देंगे’ जैसी बातें कही जाती हैं।

एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:

“हम लगातार बिना वेतन के काम कर रहे हैं। पूछने पर गालियां, अपमान और धमकी मिलती है। मजबूरी में चुप रहकर काम करना पड़ रहा है।”

इसके अलावा, महिला और पुरुषों के लिए एक ही बाथरूम की व्यवस्था न केवल असुविधाजनक है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक है।

गौरतलब है कि फूड डिपार्टमेंट द्वारा पूर्व में इस रेस्टोरेंट को चेतावनी दी गई थी, लेकिन उसके बाद भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ।

अब सवाल उठता है –
👉 क्या प्रशासन आंख मूंदकर देखता रहेगा?
👉 क्या धार्मिक पर्वों पर आस्था का इस तरह अपमान बर्दाश्त किया जाएगा?
👉 क्या श्रमिकों का शोषण और धमकी देना कानून के दायरे से बाहर है?

जनता और कर्मचारियों की सीधी मांग है कि ‘द पंजाबी रसोई’ पर तत्काल कड़ी जांच और कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की अनदेखी दोबारा न हो।