रायपुर:– गुढ़ियारी में चल रहे तीन दिवसीय श्री कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन आध्यात्मिक माहौल में जारी है। सोमवार से प्रारंभ हुए इस आयोजन का आज दूसरा दिन रहा, जबकि कल 25 सितंबर को कथा का समापन होगा।

कथा प्रारंभ होने से पूर्व रविवार को गुढ़ियारी में विशाल भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में कलश यात्रा, विशाल रथ पर विराजमान जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य की प्रतिमा एवं सिद्ध पादुकाएं विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं।

इस अवसर पर रायपुर, महासमुंद, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, मोहला-मानपुर से आए भक्तों ने छत्तीसगढ़ी नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। भगवा ध्वजा धारी और श्रद्धालुओं की भारी संख्या ने शोभायात्रा को भव्यता प्रदान की।

कार्यक्रम स्थल महेश भवन, गुढ़ियारी पहुंचने पर यजमान निशिकांत पांडेय द्वारा प्रतिमा एवं सिद्ध पादुकाओं का शास्त्रोक्त पूजन कराया गया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा आरती संपन्न हुई।

कथा के प्रथम दिन रामानंदाचार्य जी के कृपा प्राप्त शिष्य श्री रोहित मोड़े जी ने व्यासपीठ से प्रवचन देते हुए कहा कि प्रभु को पाने का मार्ग केवल प्रेम है। उन्होंने कहा—
प्रभु तभी मिलते हैं जब मनुष्य ईश्वर के प्रेम में डूब जाए।

कृपा उसी पर होती है, जो ईश्वर से सच्चा प्रेम करता है।
संत मीरा बाई, संत कबीर, संत तुकाराम, गुरुनानक जैसे महापुरुषों ने इसी प्रेम के बल पर ईश्वर को पाया।
उन्होंने यह भी कहा कि कलयुग में ईश्वर सद्गुरु स्वरूप में ही मिलते हैं और केवल सद्गुरु ही ईश्वर से प्रेम का वास्तविक ज्ञान कराते हैं।

आयोजन में सच्चिदानंद उपासने छत्तीसगढ़ पीठ सदस्य, राजेश देवांगन पार्षद गुढ़ियारी, पुरुषोत्तम देवांगन पूर्व पार्षद, घनश्याम माहेश्वरी पीठ प्रमुख, धन्नूलाल देवांगन जिलाध्यक्ष रायपुर, हर्ष चंद्राकर जिलाध्यक्ष महासमुंद, मोहनीश पदमवार जिलाध्यक्ष धमतरी, ज्ञानेश्वर साहू जिलाध्यक्ष बालोद, राजाराम पंचारी जिलाध्यक्ष राजनांदगांव, राजकुमार पवार जिलाध्यक्ष दुर्ग सहित बड़ी संख्या में गणमान्य एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।

रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य जी के रायपुर, दुर्ग, भिलाई, धमतरी, बालोद और महासमुंद के शिष्यों ने भी कथा श्रवण का लाभ लिया।
