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इन सीटों को लेकर कांग्रेस नेताओं के बीच घंटों चला मंथन, तेजस्वी के नए स्टैंड से महागठबंधन में बढ़ी हलचल…

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नई दिल्ली:– बिहार दौरे पर सहमति बनी
राज्य ब्यूरो, पटना। इस वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी बिहार कांग्रेस अब अपनी मजबूत सीटों की पहचान में जुट गई है। यही नहीं पार्टी ने अपने विधायकों के क्षेत्र में किए गए कामों का आकलन भी शुरू किया है।
रविवार को कांग्रेस ने पार्टी के महत्वपूर्ण नेताओं की करीब तीन घंटे चली मैराथन समीक्षा बैठक में सीट और विधायकों के क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों पर लंबी चर्चा हुई।
पटना के एक स्थानीय होटल में हुई इस बैठक में वरिष्ठ नेता व सांसद तारिक अनवर और राज्यसभा सदस्य डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावा प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने उपस्थित कांग्रेसी विधायकों से पिछले साढ़े चार साल में किए गए कार्यों की जानकारी ली।

पार्टी ने 17 विधायकों के क्षेत्र में किए कार्यों की समीक्षा की। बताएं कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के 19 विधायक जीते थे जिसमें दो विधायक बागी होकर एनडीए के साथ हो गए।
तेजस्वी ने मांगी थी मजबूत सीटों की सूची
असल में पिछले हफ्ते महागठबंधन कॉर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने सभी दलों से उनकी मजबूत सीटों की सूची मांग दी थी।
हालांकि कांग्रेस में इस मुद्दे पर मतभेद है कि कांग्रेस की मजबूत सीटों और वहां के उम्मीदवारों की सूची सिर्फ राजद नेतृत्व को दिया जाए या नहीं।
वरीय नेताओं का कहना है कि सभी छह दल कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक में एक साथ अपनी-अपनी सीटों की सूची पेश करें।
इससे सभी दलों राजद, कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी को अपने साथ ही सहयोगी दलों की सीटों और मजबूत उम्मीदवारों की भी जानकारी रहेगी। बैठक में भी इस मुद्दे पर मतभेद कायम रहा।
क्या कहते हैं सूत्र?
सूत्रों के मुताबिक, प्रभारी कृष्णा ने बैठक में कहा कि पार्टी अपनी लड़ने वाली मजबूत सीटों का सर्वे करा रही है। पिछली बार की तरह नहीं, इस बार जीतने वाली एक-एक सीट की पूरी समीक्षा कर उम्मीदवार तय होंगे।
जिन सीटों पर दूसरे दलों से मतभेद हो, उसपर दोनों दलों के उम्म्दवारों की ताकत, कमजोरी की समीक्षा कर ही सीट किसे मिलेगी, ये तय हो।
जरुरत पड़ेगी तो कॉर्डिनेशन कमेटी के समक्ष सूची पेश की जाएगी। बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे पर भी बात हुई और पार्टी के केंद्रीय स्तर के नेताओं के लगातार चुनावी दौरे कराने पर सहमति भी बनी।