Headlines

इस रहस्यमयी बावड़ी में दूल्हे समेत गायब हो गई थी पूरी बारात, सिर्फ एक रात में बनकर हो गई थी तैयार

Spread the love

नई दिल्ली : गुर्जर प्रतिहार वंश के राज मिहिर भोज उर्फ चांद ने इस बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में करवाया था। इसके कारण ही इसे चांद बावड़ी के नाम से जाना जाता है।

देश में कई ऐसी जगहे हैं, जो बेहद रहस्यमयी मानी जाती हैं। इनमें राजस्थान की एक बहुत प्राचीन बावड़ी भी शामिल हैं। यह देखने में जितनी खूबसूरती है, उतनी ही रहस्यमयी। आज तक इसका रहस्य अनसुलझा है। हम आपको अपनी इस खबर में एक रहस्यमयी कहानी के बारे में बताएंगे, जो इस बावड़ी से जुड़ी हुई है। इस कहानी के बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे। प्राचीन समय में राजा महाराजा जल प्रबंधन और वास्तुकला के लिए बावड़ियों का निर्माण करवाते थे। बावड़ियों को भारत के राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है।

राजस्थान में एक बावड़ी स्थित है, जो बेहद रहस्यमयी है। इसका नाम चांद बावड़ी है, जो राजस्थान के दौसा जिले के आभानेरी गांव में स्थित है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह सिर्फ एक रात में बनकर तैयार हो गई थी। यह बावड़ी राजधानी जयपुर से करीब 97 किलोमीटर दूर स्थित है।

बेहद रोचक है कहानी

गुर्जर प्रतिहार वंश के राज मिहिर भोज उर्फ चांद ने इस बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में करवाया था। इसके कारण ही इसे चांद बावड़ी के नाम से जाना जाता है। यह 35 मीटर चौड़ी है और इसमें पक्की सीढियां बनी हुई हैं। 100 फीट से भी ज्यादा गहरी यह बावड़ी 13 मंजिला है। इसमें करीब 3500 सीढ़िया हैं।

बावड़ी को भूलभुलैया भी कहा जाता है

चांद बावड़ी को भूलभुलैया भी कहा जाता जाता है। बाताया जाता है कि बावड़ी एक ही रात में बनकर तैयार हो गई थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि स्थानीय लोगों का यह भी दावा है कि इस बावड़ी का निर्माण इंसानों ने नहीं, बल्कि भूतों ने किया था। कहा जाता है कि चांद बावड़ी ही नहीं बल्कि अलूदा की बावड़ी और भांडारेज की बावड़ी का भी निर्माण एक ही रात में हुआ था।

जब गायब हो गई बारात

बताया जाता है कि यहां पर एक बार बारात आई और चांद बावड़ी में मौजूद अंधेरी-उजाली गुफा में चली गई। इसके बाद दूल्हा समेत बारात का कोई भी आदमी बाहर नहीं आया। यह आज तक रहस्य है कि आखिर पूरी बारात कहां पर लापता हो गई है। इस गुफा की लंबाई 17 किमी है, जो भांडारेज गांव में निकलती है।

अविश्वसनीय कहानी

रिकॉर्ड के मुताबिक, चांद बावड़ी दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े सीढ़ीदार कुओं में शामिल है। हालांकि, इसमें और भी बहुत कुछ अनोखा है। यह भी बताया जाता है कि कोई भी इंसान कभी भी एक ही सेट की सीढ़ियों से बावड़ी में नीचे नहीं जा पाया और फिर उसी रास्ते से वापस ऊपर नहीं आ पाया। इसके अलावा कोई भी शख्स एक ही सीढ़ी पर दो बार कदम भी नहीं रख सकते हैं। यह बातें अविश्वसनीय और रोचक हैं।