नई दिल्ली : साल 2024 में हार्ट की समस्याओं पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में हृदय की बीमारियां और इसके कारण मौत के मामले बढ़े हैं। साल 2025 में इसपर नियंत्रण पाया जा सके इसलिए जरूरी है कि हम सभी हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए लगातार प्रयास करते रहें।
हृदय स्वास्थ्य की समस्याएं वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का कारण रही हैं। हर साल इसके कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हृदय रोग या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज दुनियाभर में पुरुषों और महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण रहे हैं। साल 2024 भी हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा। लाखों लोगों की हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत हो गई।
अब हम सभी इस साल के अंत की तरफ बढ़ रहे हैं। साल 2024 में हार्ट की समस्याओं पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ वर्षों, विशेषतौर पर कोरोना महामारी के बाद हृदय की बीमारियां अधिक रिपोर्ट की जा रही हैं।
इस साल में अब कुछ दिन ही शेष हैं, जल्द ही हम नए वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं, हृदय स्वास्थ्य की चुनौतियां अभी कम नहीं हुई हैं, साल 2025 में इसपर नियंत्रण पाया जा सके इसलिए जरूरी है कि हम सभी हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए लगातार प्रयास करते रहें।
हृदय रोगों के कारण कई हस्तियों की हुई मौत
साल 2024 में हृदय की गंभीर समस्याओं के कारण अकेले भारत में लाखों मौतें हुईं।
20 फरवरी, 2024 को लोकप्रिय टेलीविजन अभिनेता ऋतुराज सिंह का 59 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। उन्हें हिटलर दीदी जैसे टीवी शो में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता था। इसी तरह अभिनेत्री कविता चौधरी की मौत अचानक दिल का दौरा पड़ने से हो गई। वह उड़ान और प्रतिष्ठित विज्ञापनों में काम कर चुकी थीं। टीवी एक्टर और मॉडल विकास सेठी की मौत भी हार्ट अटैक की वजह से केवल 48 साल की उम्र में हो गई।
देशभर में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की खबरें पूरे साल चर्चा में रहीं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आने वाले साल 2025 में इस खतरे को कम किया जा सके इसके लिए पहले से ही प्रयास करना बहुत जरूरी है।
कार्डियक अरेस्ट भी खतरनाक
हार्ट अटैक के साथ-साथ कार्डियक अरेस्ट के मामलों ने भी इस पूरे साल लोगों की खूब चिंता बढ़ाई।
टी-20 विश्वकप क्रिकेट में रविवार को भारत-पाकिस्तान का मैच को देखने पहुंचे मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष अमोल काले का अगले दिन सोमवार को निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ जिससे उनकी मौत हो गई। अमोल 47 वर्ष के थे।
यहां ये समझना जरूरी है कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं। हृदय तक रक्त का संचार करने वाली धमनियों में किसी कारणवश रुकावट के कारण, दिल तक रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होने लगता है, इस स्थिति में हार्ट अटैक की दिक्कत होती है, वहीं कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है।
वैक्सीनेशन के कारण हार्ट अटैक की सामने आई बातें
कोरोना संक्रमण और इसके कारण होने वाली मृत्यु के खतरे को कम करने में वैक्सीनेशन की बड़ी भूमिका रही है। कुछ रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई कि वैक्सीनेशन के कारण हार्ट अटैक और वयस्कों में मृत्यु के मामले बढ़ गए हैं।
हालांकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने आश्वस्त करते हुए कहा कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसके कारण किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है। आईसीएमआर ने एक अध्ययन के आधार पर कहा, कोविड-19 टीकाकरण पूरी तरह से सुरक्षित है, वयस्कों में बढ़ी हुई मृत्युदर के लिए वैक्सीनेशन को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है।
सीपीआर सीखना आज की जरूरत
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हृदय रोगों का जोखिम भविष्य में भी रहेगा, इसलिए पहले से ही इसके बचाव के उपाय करना और हार्ट अटैक की स्थिति में कैसे जान बचाई जाए, इस बारे में समझना आवश्यक है। हार्ट अटैक की स्थिति में अगर तुरंत सीपीआर देकर रोगी को आपातकालीन चिकित्सा मिल जाए तो इससे जान बचाई जा सकती है।
हृदय रोगों के खतरे से बचे रहने के लिए लाइफस्टाइल और आहार को ठीक रखना, समय-समय पर ब्लड प्रेशर-शुगर की जांच करना और इसे कंट्रोल रखना बहुत आवश्यक है।