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धुंधला दिखे या ड्राई आई की समस्या से हों परेशान, स्वस्थ आंखों के लिए करें इन योगासनों का अभ्यास

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नई दिल्ली : धुंधला दिखने या आंखों में दर्द और जलन होने पर भी योग क्रियाएं नेत्र स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं। आइए जानते हैं आंखों की सेहत के लिए ऐसे योगासनों के बारे में जो बेहद फायदेमंद हो सकते हैं।

पौष्टिकता की कमी, संक्रमण, एलर्जी और तनाव समेत कई कारणों से नेत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसमें उम्र से पहले आंखों की रोशनी कम होना, ड्राई आईज की शिकायत और आंखों में जलन होना सामान्य नेत्र संबंधी समस्याएं शामिल हैं।

हेल्थी जीवनशैली और पौष्टिक खानपान के जरिए आंखों समेत संपूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सकता है। हालांकि नेत्र से जुड़ी कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए योग एक स्थायी उपचार है। योगासनों का नियमित अभ्यास ड्राई आइज की समस्या को कम करता है। इसके साथ ही आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक है। धुंधला दिखने या आंखों में दर्द और जलन होने पर भी योग क्रियाएं नेत्र स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं। आइए जानते हैं आंखों की सेहत के लिए ऐसे योगासनों के बारे में जो बेहद फायदेमंद हो सकते हैं।

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए योग

आजकल कम उम्र के लोगों, यहां तक कि बच्चों तक को नंबर वाले चश्मे लगने लगे हैं। खराब खानपान और स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण आंखों को सीधा नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा थायराइड, डायबिटीज जैसी बीमारियों के कारण भी आंखों की रोशनी कम होने लगती है। अगर आपको भी उम्र से पहले धुंधला दिखने लगा है। पास या दूर की दृष्टि कमजोर हो रही है तो कुछ योगासनों के अभ्यास की आदत डाल लें।

अनुलोम विलोम

अनुलोम-विलोम प्राणायाम से रक्त प्रवाह बढ़ता है और आंखों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है।

शीर्षासन

शीर्षासन आंखों के रक्त संचार में सुधार करता है और दृश्य तंत्रिकाओं पर तनाव कम करता है। इस आसन के अभ्यास से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर रक्त सिर तक पहुंचता है और फिर आंखों तक पहुंचता है।

सर्वांगासन

सर्वांगासन आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है और तनाव कम करता है। इस आसन के अभ्यास से आंखों के कार्यात्मक विकार ठीक होते हैं और दृष्टि बढ़ती है।

ड्राई आईज के लिए योग

मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल आंखों का तरल पदार्थ सुखा देता है, जिससे आंखें ड्राई हो जाती हैं। ड्राई आईज के कारण आंखों में खुजली, दर्द और चुभन जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। मेनोपाॅज या गर्भावस्था में भी ड्राई आई की समस्या बढ़ सकती है। इस तरह की नेत्र समस्याओं के लक्षण दिखने में प्राणायाम करें। इसके अलावा पामिंग, पलक झपकाना, आंखों को रोटेट करना, आंखों को ऊपर-नीचे घुमाना और त्राटक क्रिया की जा सकती है।