ईएसजी असल में एन्वायर्नमेंटल, सोशल और कॉर्पोरेट गवर्नेंस का संक्षिप्त रूप है। निवेश में ईएसजी इन तीनों कारकों का किसी कंपनी की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस के असर को बताता है। ईएसजी के सिद्धांतों पर निवेश की वकालत करने वाले यह मानते हैं कि जो कंपनी इन प्रबंधन सिद्धांतों को अपनाती है, उनके भविष्य में अच्छी कमाई करने की दावेदार होती है और साथ ही उनमें फाइनेंशियल रिस्क भी कम होता है। स्टेकहोल्डर जैसे इन्वेस्टर, एम्प्लॉयी, कस्टमर और सरकारें ईएसजी के कारकों पर जोर बढ़ा रही हैं, ऐसे ऑर्गेनाइजेशन जो इन सिद्धांतो के आधार पर कारोबार करते हैं, वे इन सभी स्टेकहोल्डर का भरोसा हासिल करते हैं, जिसका नतीजा होता है जबरदस्त मुनाफा।
ईएसजी के लिए कंपनियां सर्वे को आधार मानती हैं, ऐसे में ईवाई इंडिया की पहली ‘ईएसजी जीसीसी रिपोर्ट 2024’ से पता चलता है कि ग्लोबल कंपीटेंस सेंटर (जीसीसी) वैश्विक संस्थाओं के लिए एन्वायर्नमेंट, सोशल और गवर्नेंस (ईएसजी) प्रोग्राम को आगे बढ़ाने में अहम् भूमिका निभा रहे हैं। रिपोर्ट के नतीजों से पता चलता है कि भारत में 52% जीसीसी सक्रिय रूप से ईएसजी कंप्लायंस को अपना रहे हैं, जबकि इनमें से 70% ईएसजी लागू के लिए टेक्नोलॉजी कंप्लायंस को आगे बढ़ा रहे हैं। यह रिपोर्ट 45 से अधिक जीसीसी के वर्क स्टाइल के निरीक्षण के आधार पर बनाई गई है। इसका मकसद इन सेंटर में ईएसजी कैपेसिटी के इंटीग्रेशन को सामने रखना है। भारत में ईएसजी निवेश का भविष्य की सुनहरा है। अनुमान लगाया गया है कि ईएसजी 2051 तक कुल घरेलू एयूएम का लगभग 34% प्रतिनिधित्व कर सकता है। यह वृद्धि ईएसजी पर केंद्रित क्षेत्रों, जैसे रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ग्रीन हाइड्रोजन और क्लाइमेट टेक्नोलॉजी से संचालित होने का अनुमान है।
डेटा और टेक्निकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना जरुरी
ईएसजी उद्देश्य हासिल करने के लिए आईटी बुनियादी ढाँचे, डेटा एकीकरण पद्धति और रिपोर्टिंग परिदृश्य में संशोधन की आवश्यकता है। रिपोर्ट से पता चलता है कि 70 फीसदी जीसीसी टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स के साथ साझेदारी कर रहे हैं या साझेदारी करने का इरादा रखते हैं। इसमें न केवल मौजूदा आईटी में सुधार, बल्कि ईएसजी को प्रभावी ढंग से समायोजित करने के लिए डेटा इंटीग्रेशन भी शामिल है।
एडवांस ईएसजी डेटा रिपोर्टिंग सिस्टम को मजबूत करना जरुरी
ईएसजी डेटा तैयार करने और रिपोर्ट करने के लिए मजबूत सिस्टम और डेटा गवर्नेंस प्रोटोकॉल जरुरी है। रिपोर्ट वेंडर इवैक्यूएशन, एंटरप्राइज़ रिस्क मैनेजमेंट और एनवल रिपोर्टिंग जैसी मौजूदा प्रक्रियाओं में ईएसजी डेटा के इंटीग्रेशन पर जोर देती है। इससे मजबूत कस्टमर रिलेशन और ब्रैंड तैयार होता है। बढ़ते पर्यावरणीय और सामाजिक जागरूकता, जो व्यापार और प्रोडक्ट के इन पैमानों पर अच्छे अंक हासिल करते हैं, वे ज्यादा कस्टमर लॉयल्टी और ब्रैंड वैल्यू हासिल करते हैं।
भारत के ईएसजी प्रोग्राम में अदाणी कर रहा है शानदार काम
अदाणी का लक्ष्य रिन्युएबल कैपेसिटी डिप्लॉयमेंट के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन को पर्यावरण के अनुकूल बनाकर, 2040 तक उत्सर्जन नेट जीरो करने का टारगेट है। अदाणी पोर्ट्स की ईएसजी रेटिंग्स में सस्टेनलैटिक्स को अपग्रेड किया गया है। अब कंपनी का स्कोर 11.3 है । कंपनी ‘नेगलिजिबल ईएसजी रिस्क’ के तौर पर क्लासिफाई होने से बस एक पायदान ही दूर है। अदाणी पोर्ट्स को जलवायु परिवर्तन की समस्या को कम करने के लिए सीडीपी ने पुरस्कृत भी किया है। इसी तरह इसने 2030 तक 10 करोड़ पेड़ उगाने का वादा किया है, जो भारत में अब तक का लिया गया सबसे बड़ा संकल्प है। इसके अलावा, अदाणी ग्रीन को फाइनेंशियल ईयर 2023 में डीएनवी ने ‘वॉटर पॉजिटिव’ सर्टिफाइड किया, जो साल 2025 के लक्ष्य से काफी पहले है। सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नेटवर्क विकसित करने में एटीजीएल की 58 साइट्स में पानी का ऑडिट पूरा कर लिया है, जो जल की खपत, मीटर और बारिश के पानी के संचयन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। साथ ही एपीएल ने 94.1% राख उपयोग हासिल किया।
कौन तय करता है ईएसजी मानक
स्टेनेबिलिटी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड, 77 अलग-अलग इंडस्ट्री-स्पेशल मेट्रिक्स के माध्यम से ईएसजी रिपोर्टिंग के दिशा-निर्देश तैयार करता है। बोर्ड एक मटेरियलिटी फाइंडर भी देता है, जो एक वेब-आधारित टूल है, जो कंपनियों को यह समझने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि उनके क्षेत्र के लिए ईएसजी से संबंधित कौन से मुद्दे जरुरी और प्रासंगिक हैं। कंपनियों के पास ईएसजी के बहुत से इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं। वैश्विक स्तर पर 600 से ज़्यादा रिपोर्टिंग प्रोविजन हैं, लेकिन यह समझना कि सिर्फ एक पर निर्भर रहना सभी जानकारी का खुलासा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है।