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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की, किसानों के खाते में पहुंचने लगे दो-दो हजार रुपये

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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की।

जानिए योजना के बारे में सबकुछ
इसके तहत 9.26 करोड़ से अधिक किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलेगा। अब तक देशभर में 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है और 17वीं किस्त जारी होने के साथ, योजना की शुरुआत के बाद से लाभार्थियों को हस्तांतरित की गई कुल राशि 3.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।

लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया था। शपथ ग्रहण के महज 16 घंटे बाद पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी करने के लिए फाइल पर हस्ताक्षर किए थे।
आइए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं और आपको यह भी बताते हैं कि इस योजना की शुरुआत कब हुई।
भारत सरकार ने देश में किसान परिवारों के लिए सकारात्मक पूरक आय सहायता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एवं उत्पादक, प्रतिस्पर्धी, विविध, समावेशी और टिकाऊ कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 2 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की।

योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण मोड के माध्यम से पात्र किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रति वर्ष 6000/- अर्थात 2000/- (प्रत्येक चार महीने में) हस्तांतरित किए जाते हैं। यह पहल दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजनाओं में से एक है, जो पारदर्शी नामांकन, प्रमाणीकरण और राष्ट्रव्यापी कवरेज के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाती है। बिचौलियों की भूमिका को खत्म करके, यह योजना सभी योग्य किसानों तक समान समर्थन सुनिश्चित करती है, जो कृषि सशक्तीकरण और वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम-किसान योजना ने भारत के कृषि क्षेत्र को और अधिक उन्नत बनाया है।

यह योजना किसानों की चुनौतियों का समाधान करके, संसाधनों तक पहुंचने में उनको महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से उन्हें फसल रखरखाव में निवेश करने, पैदावार को अनुकूलित करने और प्रत्येक चक्र के साथ अपने अनुमानित आय स्तर तक पहुंचने में सक्षम बनाया जाता है। इस प्रकार पीएम-किसान ने साहूकारों पर किसानों की निर्भरता को समाप्त कर दिया है, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया है और भविष्य के लिए किसानों की आजीविका सुरक्षित की है।