नई दिल्ली : दुनियाभर में 537 मिलियन से अधिक लोग मधुमेह के शिकार हैं। डायबिटीज से बचाव के लिए इसके बारे में सही जानकारी होना जरूरी है। आपके भी मन में इस रोग को लेकर कई सवाल होंगे आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका शिकार कम उम्र के लोग भी हो सकते हैं। डायबिटीज की बीमारी में ब्लड शुगर का स्तर अक्सर सामान्य से अधिक बना रहता है जिसे अगर कंट्रोल न किया जाए तो इससे शरीर के कई अंगों जैसे आंख, हृदय, तंत्रिका तंत्र पर नकारात्मक असर हो सकता है। यही कारण है कि सभी लोगों को निरंतर अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने की सलाह दी जाती है।
वैसे तो दुनियाभर में टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम सबसे अधिक देखा जाता रहा है, हालांकि बच्चे टाइप-1 का भी शिकार हो सकते हैं। वैश्विक स्तर पर बढ़ती इस गंभीर और क्रोनिक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने, इससे बचाव को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जाता है।
डायबिटीज से बचाव के लिए इसके बारे में सही जानकारी होना जरूरी है। आपके भी मन में इस रोग को लेकर कई सवाल होंगे आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
डायबिटीज का स्तर क्या होना चाहिए?
अमर उजाला से बातचीत में मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ उत्कर्ष गौतम कहते हैं, दुनियाभर में 537 मिलियन (53.7 करोड़) से अधिक लोग मधुमेह के शिकार हैं।
मधुमेह ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब आपका ब्लड शुगर अक्सर सामान्य से अधिक बना रहता है। फास्टिंग ग्लूकोज का लेवल 70 और 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (mg/dL) से और भोजन के बाद शुगर का लेवल 125 mg/dL (6.9 mmol/L) या उससे अधिक बने रहने को डायबिटीज रोग माना जाता है। आइए इस रोग से संबंधित कुछ जरूरी सवालों के जवाब जानते हैं।
डायबिटीज होने की क्या वजह है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डायबिटीज कई कारणों से हो सकती है। यदि परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो दूसरों में भी इसका खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कुछ लाइफस्टाइल फैक्टर्स जैसे असंतुलित खानपान, शारीरिक गतिविधि में कमी और मोटापा भी इसकी एक वजह है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को अपने शुगर की निरंतर जांच करते रहना चाहिए, अगर ये अक्सर सामान्य से अधिक बना रहता है तो सावधान हो जाइए।
डायबिटीज से क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं?
डायबिटीज शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। मधुमेह के शिकार लोगों में हृदय और रक्त वाहिकाओं से संबंधित समस्याएं अधिक होती हैं। लंबे समय तक डायबिटीज के चलते किडनी फेलियर और आंखों की रेटिना को भी नुकसान पहुंच सकता है। नर्वस सिस्टम में होने वाली दिक्कतें पैरों को प्रभावित करती हैं जिससे अल्सर या डायबिटिक फूट जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।
डायबिटीज की पहचान कैसे की जाए?
डायबिटीज के सामान्य लक्षणों पर ध्यान देते रहना बहुत जरूरी है। अत्यधिक प्यास लगना और मुंह सूखना, बार-बार पेशाब आना, थकान और कमजोरी महसूस करना, वजन का अचानक से कम होते जाना, बार-बार संक्रमण होना, धुंधला दिखाई देना संकेत है कि आपको डायबिटीज की बीमारी हो सकती है। इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
क्या डायबिटीज से बचाव किया जा सकता है?
टाइप-2 डायबिटीज को लाइफस्टाइल में बदलाव करके काफी हद तक रोका जा सकता है। स्वास्थ्यवर्धक आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, वजन नियंत्रित रखना और धूम्रपान-शराब से परहेज करके डायबिटीज से बचा जा सकता है। हालांकि टाइप-1 डायबिटीज से बचाव नहीं किया जा सकता है। ये इम्यून सिस्टम से संबंधित समस्या है, इसलिए इसे रोकना फिलहाल संभव नहीं है।