मध्यप्रदेश : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2023 में जबलपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक और उद्यान का भूमिपूजन किया था। इसे 100 करोड़ रुपये की लागत से 31 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाना है। यहां रानी दुर्गावती की 52 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा भी लगाई जानी है, लेकिन मामला उलझता नजर आ रहा है।
मध्य प्रदेश सरकार जनजातीय समाज की महान शासक महारानी रानी दुर्गावती की जबलपुर में स्थापित होने वाली प्रतिमा की ऊंचाई कम करने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर हाल ही मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने प्रस्ताव रखा है।
मध्य प्रदेश में जनजातीय समाज के बलिदान का प्रतीक महारानी रानी दुर्गावती की जबलपुर में स्थापित होने वाली प्रतिमा की ऊंचाई कम करने की तैयारी की जा रही है। प्रतिमा की ऊंचाई में जबलपुर नगर निगम की लाचारी आड़े आ रही है। इसको लेकर हाल ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ पर्यटन विभाग की बैठक में अधिकारियों ने प्रस्ताव रखा है। प्रतिमा की ऊंचाई 52 फीट रखने से उसकी साफ सफाई और रखरखाव में नगर निगम को दिक्कत हो सकती है, इसलिए इसे घटाने पर जोर दिया जा रहा है।
दरअसल प्रतिमा स्थापित करने के बाद रखरखाव जबलपुर नगर निगम को करना है। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने तर्क दिया कि नगर निगमों की माली हालत इतनी अच्छी नहीं होती है कि वो इतनी ऊंची प्रतिमा की साफ सफाई को लेकर खर्च वहन कर सकें। इसको लेकर जबलपुर नगर निगम की तरफ से ही पर्यटन विभाग के सामने अपनी चिंता व्यक्त की गई है। जिसके बाद विभाग ने अब प्रतिमा की ऊंचाई कम करने को लेकर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दोनों ही प्रस्ताव बनाकर सामने रखने को कहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था स्मारक का भूमिपूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2023 में जबलपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती स्मारक और उद्यान का भूमिपूजन किया था। इसे 100 करोड़ रुपये की लागत से 31 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसमें रानी दुर्गावती की 52 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित करने का दावा किया गया था। अब जानकारी के अनुसार इस प्रतिमा की ऊंचाई आधी करने की तैयारी की जा रही है। बता दें, रानी दुर्गावती ने मुगल साम्राज्य के खिलाफ अपना बलिदान दिया था। इससे पहले वह 52 गढ़ों की रानी थी। इसलिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी 52 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने का एलान किया था।
कौन है साहसी शासक रानी दुर्गावती?
रानी दुर्गावती भारतीय इतिहास की एक महान योद्धा और साहसी शासक थीं, जिनका नाम आज भी वीरता और पराक्रम के लिए लिया जाता है। उनका जन्म 5 अक्टूबर 1524 को चंदेल राजवंश में हुआ था। रानी ने अपने राज्य गोंडवाना की रक्षा के लिए मुगल सेना से जमकर मुकाबला किया और युद्ध के मैदान में वीरगति को प्राप्त हुईं। उनकी वीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 52 में से 51 युद्धों में विजय प्राप्त की थी। रानी दुर्गावती का विवाह गोंड शासक दलपत शाह से हुआ था। उनके पति की मृत्यु के बाद उन्होंने अपने पुत्र वीर नारायण को गद्दी पर बैठाया और स्वयं गोंडवाना की शासक बनीं। उनकी शासनकाल में राज्य ने अद्वितीय विकास किया। वे न्यायप्रिय और कुशल शासक के रूप में प्रसिद्ध हुईं। रानी दुर्गावती ने अपनी वीरता और युद्ध कौशल से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी है। वे घुड़सवारी, तीरंदाजी, तलवारबाजी और शिकार में निपुण थीं। उनका जीवन और बलिदान आज भी भारत की जनजातीय और राजपूत समाज के प्रेरणास्रोत हैं।
अधिकारी बोले- अभी ऊंचाई को लेकर कुछ तय नहीं
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रतिमा की ऊंचाई को लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है। डीपीआर बनना है। नगरीय निकाय को प्रतिमा का रखरखाव करना होता है। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है। इसलिए मूर्ति की ऊंचाई को लेकर चर्चा हुई। हालांकि अभी कुछ तय नहीं है।