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कांग्रेस का गढ़ बचा पाएंगे मुकेश मल्होत्रा या जारी रहेगा रामनिवास रावत दबदबा? सीट का समीकरण…

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मध्यप्रदेश : विजयपुर विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला है। भाजपा उम्मीदवार रामनिवास रावत और कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा एक दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। यहां कौन बाजी मारेगा, यह चुनाव परिणाम बताएंगे।

मध्य प्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट पर मतों की गणना जारी है। यहां भाजपा उम्मीदवार रामनिवास रावत और कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा के बीच मुकाबला है। शुरुआती रुझान में कांग्रेस उम्मीदवार मल्होत्रा आगे चल रहे हैं। हालांकि, यह आंकड़े लगातार बदल रहे हैं। विजयपुर कांग्रेस का गढ़ रहा है। लेकिन, इस बार विजयपुर में बदली हुईं परिस्थितियों में उपचुनाव हुआ। क्योंकि, छह बार के विधायक और कांग्रेस नेता रामनिवास रावत भाजपा में शामिल हो गए। अब तक कांग्रेस से रावत ही जीतते आ रहे थे, लेकिन वे भाजपा का चेहरा है। ऐसे में पार्टी की साख बचाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पूरी ताकत झोंक दी थी।

भाजपा लहर में भी जीते थे रावत

विजयपुर में कांग्रेस से भाजपा में विधायक रामनिवास रावत के शामिल होने के बाद उपचुनाव हो रहे है। भाजपा ने उनको कैबिनेट मंत्री बनाया है। 6 बार के विध्रायक वत कांग्रेस की सरकार में भी मंत्री रह चुके है। यह सीट पिछले चुनाव में भाजपा की लहर के बावजूद रावत कांग्रेस की टिकट पर जीत गए थे। 1998 और 2018 के चुनाव छोड़ दें तो 1990 से 2023 तक आठ चुनाव में 6 बार कांग्रेस ने विजयपुर सीट पर जीत दर्ज की है। इस पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही विकास और कल्याणकारी योजनाओं को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा है।

दोनों दलों के लिए विजयपुर बना प्रतिष्ठा का विषय

श्योपुर की विजयपुर विधानसभा आदिवासी बहुल सीट है। यहां पर भाजपा ने रामनिवास रावत और कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतारा है। भाजपा ने रावत को दल बदल के बाद मंत्री बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतरा है। यह दोनों उम्मीदवार एक दूसरे के खिलाफ पहले भी चुनाव लड़ चुके है। अब दोनों ही दल बदलकर एक दूसरे के आमने सामने है। इस सीट पर आदिवासी वोटरों 60 हजार के आसपास है। वहीं, कुशवाह समाज के भी 30 हजार वोट है। दोनों ही समाज का झुकाव कांग्रेस की तरफ है।

सीट बचाए रखने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बढ़ेगा हौसला

विजयपुर चुनाव का परिणाम आदिवासी वोटरों पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। यदि यह वोट कांग्रेस की तरफ एक तरफा गिरता है तो भाजपा के लिए चुनौती बढ़ सकती है। वहीं, यदि वोट दोनों पार्टी में बटता है तो कांग्रेस के लिए गढ़ बचाना मुश्किल हो सकता है। यदि, कांग्रेस यह सीट बचाने में कामयाब होती है तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ेगा। साथ ही जीतू पटवारी की पार्टी में स्वीकार्यता भी बढ़ेगी। वहीं, भाजपा के लिए रामनिवास रावत को पार्टी में लाने पर सवाल खड़े होंगे।