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प्लांट बेस्ड डाइट को क्यों माना जाता है बहुत खास, इसके क्या लाभ हैं? यहां जानिए सबकुछ

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नई दिल्ली : सेहत को ठीक रखने के लिए प्लांट बेस्ड डाइट की काफी चर्चा होती रही है। कई अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि अगर हम सभी प्लांट बेस्ड डाइट का सेवन बढ़ा दें तो कई प्रकार की गंभीर और क्रॉनिक बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

अच्छी सेहत के लिए खान-पान को ठीक रखना सबसे आवश्यक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दैनिक आहार में फलों-सब्जियों की मात्रा बढ़ाने, फैट वाली चीजों को कम करने और नमक-चीनी जैसी हानिकारक चीजों का सेवन कम करने से सेहत को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं।

सेहत को ठीक रखने के लिए प्लांट बेस्ड डाइट की काफी चर्चा होती रही है। प्लांट बेस्ड डाइट यानी मुख्य रूप से पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, अनाज, दालें, बीज, और नट्स। इन चीजों को सेहत के लिए कई प्रकार से लाभदायक माना जाता रहा है।

कई अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि अगर हम सभी प्लांट बेस्ड डाइट का सेवन बढ़ा दें तो कई प्रकार की गंभीर और क्रॉनिक बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।

प्लांट बेस्ड डाइट के बारे में जानिए

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्लांट बेस्ड डाइट का मतलब यह नहीं है कि आप मांसाहार नहीं खा सकते। इसका मतलब है कि आपका भोजन ज्यादातर पौधों से प्राप्त चीजों पर आधारित होना चाहिए। इसमें सब्जियों, साबुत अनाज और फल, बीन्स और सीड्स की मात्रा अधिक होनी चाहिए। अच्छी डाइट के लिए अपनी प्लेट का दो-तिहाई हिस्सा इन प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों से भरें। शेष एक तिहाई हिस्से में चिकन या मछली जैसे लीन प्रोटीन या टोफू-बीन्स जैसे प्लांट बेस्ड प्रोटीन को शामिल किया जा सकता है।

फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट

कई शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि आहार में प्लांट बेस्ड चीजों को शामिल करके डायबिटीज, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं से बचाव किया जा सकता है। प्लांट बेस्ड डाइट में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है, जो दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में मददगार माने जाते हैं। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में भी सहायक है।

इस तरह की डाइट में कैलोरी की भी मात्रा कम होती है। फाइबर की अधिकता होने के कारण आपका पेट भरा रहता है और खाने की इच्छा कम होती है, इससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है।

डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद

प्लांट बेस्ड डाइट में शामिल अधिकतर चीजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर रखते हैं और टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को कम करते हैं। शुगर के मरीज इस तरह के डाइट प्लान से लाभ पा सकते हैं।

पाचन स्वास्थ्य में होता है सुधार

इस तरह के डाइट में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और कब्ज, पेट फूलना, और अन्य पाचन समस्याओं को कम करने में मदद करता है।

कैंसर जैसी बीमारियों का कम होता है खतरा

अध्ययन बताते हैं कि पौधों पर आधारित आहार से कैंसर के कुछ प्रकारों का खतरा कम हो सकता है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोकेमिकल्स की अधिकता होती है।

एंटी-इंफ्लेमेटेरी प्रभाव

प्लांट बेस्ड डाइट अपने एंटी-इंफ्लेमेटेरी गुणों के लिए भी जाने जाते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह गठिया और अन्य सूजन संबंधी रोगों में भी फायदेमंद हो सकता है। पौधों में पाए जाने वाले विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को निखारने में मदद करते हैं और उसे स्वस्थ रखते हैं।

प्लांट बेस्ड डाइट में क्या खाएं?

पौधों से प्राप्त चीजों को आहार में शामिल करना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली और गाजर आदि का नियमित सेवन करें।

ओट्स, ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज, मसूर दाल, राजमा-छोले जैसे बीन्स, चिया सीड्स-फ्लैक्स सीड्स और सूरजमुखी के बीज जैसे नट्स को अध्ययनों में कई प्रकार की बीमारियों को कम करने वाला पाया गया है। हालांकि अपने सेहत के हिसाब से किसी भी डाइट प्लान को अपनाने के लिए आहार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।