प्रेग्नेंसी में क्यों नहीं खाने चाहिए अंगूर? इन कारणों को जानकर रखें सेहत का ख्याल

Spread the love

नई दिल्ली। अंगूर में नेचुरल शुगर की मात्रा अधिक होती है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक शुगर का सेवन जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।

कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में अंगूर भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकता है, साथ ही इससे महिला में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, ऐसे में एक्टपर्ट्स उन्हें हर छोटी से छोटी बात को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। खासकर प्रेग्नेंसी के 9 महीनों में कई खाने-पीने की चीजों से भी परहेज करने की सलाह दी जाती है। इन्हीं में से एक हैं अंगूर।

अंगूर को उनके खट्टे-मीठे और रसीले स्वाद के लिए खूब पसंद किया जाता है। वहीं, टेस्ट से अलग इस फल में शरीर के लिए जरूरी कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। अंगूर विटामिन सी, के, पोटेशियम, रेस्वेराट्रोल और फ्लेवोनोइड जैसे एंटीऑक्सिडेंट सहित कई अन्य पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत हैं और ये एंटीऑक्सिडेंट विभिन्न स्वास्थ्य लाभों से जुड़े हुए हैं। हालांकि, इन तमाम फायदों के बावजूद एक्सपर्ट्स गर्भावस्था के दौरान अंगूर का सेवन बेहद कम करने, तो कुछ महिलों का पूरी तरह इस फल से परहेज करने की सलाह देते हैं। इससे अलग कई हेल्थ रिपोर्ट्स भी बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में अंगूर भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकता है, साथ ही इससे महिला में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। आइए समझते हैं इस बारे में विस्तार से-

कैसे हो सकते हैं नुकसानदायक?रेस्वेराट्रोल
जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, अंगूर में रेस्वेराट्रोल होता है। खासकर काले और लाल अंगूर में इसकी मात्रा थोड़ी अधिक होती है। आमतौर पर रेस्वेराट्रोल कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा हुआ है। हालांकि, पशुओं पर किए गए कि कुछ अध्ययनों के नतीजे बताते हैं कि रेस्वेराट्रोल का हाई लेवल प्रजनन पर गलत प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स गर्भावस्था के दौरान एक सीमित मात्रा में अंगूर का सेवन करने की सलाह देते हैं।

कीटनाशक एक्सपोजर
बता दें कि बाकी फलों की तुलना में अंगूरों पर सबसे अधिक कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है। ऐसे में भी खासकर गर्भावस्था के दौरान इनका सेवन गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इस कारण को ध्यान में रखते हुए एक्सपर्ट्स बेहद कम मात्रा में केवल ऑर्गेनिक ग्रेप्स खाने की सलाह देते हैं।

हाई शुगर कंटेंट
अंगूर में नेचुरल शुगर की मात्रा अधिक होती है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक शुगर का सेवन जेस्टेशनल डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। इससे मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की ही सेहत प्रभावित हो सकती है। साथ ही इससे मैक्रोसोमिया -जन्म के समय बच्चे का अधिक वजन होना की स्थिति भी पैदा हो सकती है। ऐसे में भी प्रेग्नेंसी के दौरान अंगूर के सेवन से बचना चाहिए।

कैलोरी
अंगूर में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में खाए दाने पर ये गर्भावस्था के दौरान वजन को अधिक बढ़ाने का कारण बन सकता है। इससे भी जेस्टेशनल डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और प्रसव के दौरान जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।

इन तमाम कारणों को ध्यान मे रखते हुए एक्सपर्ट्स प्रेग्नेंसी के दौरान अंगूर का सेवन कम करने या इनसे पूरी तरह परहेज करने की सलाह देते हैं।