कौन थे सुचिर बालाजी जिन्होंने खोली थी OpenAI की पोल, अब फ्लैट में मिली है लाश

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नई दिल्ली : शुरुआत में बालाजी ने अपने काम को एक शोध प्रोजेक्ट के रूप में देखा। उनका मानना था कि GPT-3 कोई चैटबॉट नहीं है, बल्कि कंपनियों और कंप्यूटर प्रोग्रामर्स को अन्य सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन बनाने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

26 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी और OpenAI व्हिसलब्लोअर सुचिर बालाजी का शव सैन फ्रांसिस्को में उनके अपार्टमेंट में पाया गया। सैन फ्रांसिस्को के मुख्य चिकित्सा परीक्षक कार्यालय ने पुष्टि की है कि उनकी मृत्यु का कारण आत्महत्या है। सैन फ्रांसिस्को पुलिस ने उनके अपार्टमेंट में किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि के सबूत नहीं पाए हैं।

ओपनएआई में विरोध के बाद छोड़ी कंपनी
सुचिर बालाजी ने OpenAI में एक एआई शोधकर्ता के रूप में काम किया था, लेकिन इस साल की शुरुआत में उन्होंने कंपनी छोड़ दी। कंपनी के खिलाफ बयानबाजी और कॉपी करने के आरोप के बाद उनका कंपनी में लगातार विरोध हो रहा था। कंपनी छोड़ने के बाद उन्होंने खुलकर यह बात कही कि ChatGPT बनाने वाली कंपनी यानी ओपनएआई ने ऑनलाइन डेटा की नकल करके और इंटरनेट पर मौजूद किसी भी चीज की कॉपी करके कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया है। 2022 में ChatGPT के लॉन्च के बाद से OpenAI पर कई मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिनमें दावा किया गया है कि कंपनी ने अपने चैटबॉट को प्रशिक्षित करने के लिए कॉपीराइटेड कंटेंट का उपयोग किया।

कौन थे सुचिर बालाजी?
सुचिर बालाजी ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की और OpenAI और Scale AI में इंटर्नशिप की। 2020 में वे OpenAI में शामिल हुए, जहां पहले से ही कई बर्कले स्नातक काम कर रहे थे। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार बालाजी ने 2022 की शुरुआत में एक नए प्रोजेक्ट GPT-4 के लिए डेटा संग्रह करना शुरू किया और इंटरनेट पर उपलब्ध सभी अंग्रेजी-भाषा के पाठ का महीनों तक विश्लेषण किया।

शुरुआत में बालाजी ने अपने काम को एक शोध प्रोजेक्ट के रूप में देखा। उनका मानना था कि GPT-3 कोई चैटबॉट नहीं है, बल्कि कंपनियों और कंप्यूटर प्रोग्रामर्स को अन्य सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन बनाने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, “एक शोध प्रोजेक्ट के साथ आमतौर पर आप किसी भी डेटा पर प्रशिक्षण कर सकते हैं।”

बालाजी का आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट
अपने अंतिम सोशल मीडिया पोस्ट में बालाजी ने लिखा, “शुरुआत में मुझे कॉपीराइट, फेयर यूज आदि के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन जेनरेटिव एआई कंपनियों के खिलाफ दायर सभी मुकदमों को देखने के बाद मेरी जिज्ञासा बढ़ी।” उन्होंने आगे कहा, “जब मैंने इस मुद्दे को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश की, तो अंततः मुझे यह निष्कर्ष निकला कि फेयर यूज, कई जेनरेटिव एआई उत्पादों के लिए एक अविश्वसनीय बचाव प्रतीत होता है, क्योंकि ये उस डेटा के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिस पर इन्हें प्रशिक्षित किया गया है।

2022 के अंत में ChatGPT के लॉन्च के बाद, बालाजी ने OpenAI के काम पर गहराई से विचार किया और दावे के साथ कहा कि कंपनी मूल रूप से कॉपीराइट कानून का उल्लंघन कर रही है। उनका मानना था कि इस तरह की तकनीकें इंटरनेट के लिए नुकसानदेह हैं।