नई दिल्ली : हिन्दू धर्म में कौओं को पितरों का प्रतीक माना गया है। इसलिए कई बार कौओं से जुड़ी कुछ घटनाएं आपको आपके पितरों का संदेश देती हैं। पितृपक्ष के दौरान यदि आप कौए को देखते हैं तो इसका कोई अर्थ होता है। ऐसे में आइए इसके बारे में जानते हैं।
पितृपक्ष के दौरान कौए को अधिक महत्व दिया जाता है। इन दिनों पितरों के लिए निकाला गया भोजन कौए को ही खिलाया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि कौए को भोजन कराने से वह सीधा पिरतों को प्राप्त होता है। मान्यता है कि कौओं को खाना खिलाने से पितर खुश होते हैं। हिन्दू धर्म में कौओं को पितरों का प्रतीक माना गया है। इसलिए कई बार कौओं से जुड़ी कुछ घटनाएं आपको आपके पितरों का संदेश देती हैं। पितृपक्ष के दौरान यदि आप कौए को देखते हैं तो इसका कोई अर्थ होता है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से…
- कौए का घर पर आना
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कौआ आपके घर आता है तो यह जरूर कोई ना कोई संदेश लेकर आता है, क्योंकि इन्हें धरती और यमलोक को जोड़ने वाला दूत माना जाता है। ये अपने साथ आपके पितरों का संदेश लेकर आते हैं और आपका संदेश पितृ लोक तक पहुंचाने में मदद करते हैं। - कौए को पानी पीते हुए देखना
यदि आप पितृपक्ष के दौरान किसी कौए को पानी पीते देखते हैं, तो इसका मतलब कि आपकी जिंदगी की समस्याएं जल्द ही खत्म होने वाली हैं। इसके अलावा कौए को पानी पीते देखना इस बात का भी संकेत होता है कि आपके घर में शांति और सुख-समृद्धि का वास होने वाला है। - कौए का सिर पर बैठना
धार्मिक मान्यता के अनुसार, यदि कौआ किसी के सिर पर बैठ जाता है, तो उसका मतलब होता है कि इसकी मृत्यु टल गई है। लेकिन इसके लिए आपको उस व्यक्ति की मृत्यु की झूठी खबर सभी रिश्तेदारों को देनी होगी। ऐसा करने से उस पर आने वाला काल टल जाता है। - चोंच में रोटी दबाना
यदि आप किसी कौए को देखते हैं और इस दौरान उसने चोंच में रोटी दबाई हुई हैं या फिर कोई कौआ अपनी चोंच में रोटी दबाकर आपके घर या आंगन में ले आता है, तो यह इस बात का संकेत है कि आपके पितर आपसे खुश हैं। साथ ही आने वाले दिनों में आप पर धन-धान्य की कमी नहीं रहने वाली।