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क्या होता है ग्रे डिवोर्स? इन सेलेब्स के कारण बढ़ा चलन, जानिए इस तरह के तलाक की वजह

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नई दिल्ली : ‘ग्रे डिवोर्स’ उस स्थिति को कहा जाता है जब अधेड़ उम्र के दंपत्ति तलाक लेते हैं। इस शब्द का प्रचलन अमेरिका और यूरोप में बढ़ा, लेकिन अब भारत में भी यह तेजी से चर्चा में है। ग्रे डिवोर्स नए कपल्स के बजाए कई वर्षों से शादी में रहने के बाद बढ़ती उम्र में तलाक लेने वाले कपल्स के लिए होता है।

ग्रे डिवोर्स उन जोड़ों के लिए एक नया अवसर हो सकता है जो अपने जीवन को अलग तरीके से जीना चाहते हैं। हालांकि, यह भावनात्मक और कानूनी दोनों ही स्तर पर एक जटिल प्रक्रिया होती है, इसलिए यह निर्णय सोच-समझकर और उचित परामर्श के बाद ही लेना चाहिए। हाल के वर्षों में कई भारतीय सेलेब्रिटीज और हाई-प्रोफाइल कपल्स के तलाक ने इस ट्रेंड को और बढ़ावा दिया है। ग्रे डिवोर्स के बढ़ते चलन के बाद लोग जानना चाहते हैं कि ग्रे डिवोर्स क्या होता है? आइए जानते हैं ग्रे डिवोर्स के क्या कारण हो सकते हैं और भारत में किन सेलेब्स कपल ने ग्रे डिवोर्स लिया है।

क्या है ग्रे डिवोर्स ?

‘ग्रे डिवोर्स’ उस स्थिति को कहा जाता है जब अधेड़ उम्र के दंपत्ति तलाक लेते हैं। इस शब्द का प्रचलन अमेरिका और यूरोप में बढ़ा, लेकिन अब भारत में भी यह तेजी से चर्चा में है। ग्रे डिवोर्स नए कपल्स के बजाए कई वर्षों से शादी में रहने के बाद बढ़ती उम्र में तलाक लेने वाले कपल्स के लिए होता है।

भारत में ग्रे डिवोर्स का बढ़ता चलन

भारत के मनोरंजन जगत से जुड़े कई सेलेब्स ने 50 की उम्र के बाद अपने पार्टनर से तलाक लिया। इन लोगों के कारण ग्रे डिवोर्स का चलन भारत में बढ़ा। ग्रे डिवोर्स लेने वाले सेलेब्स में आमिर खान और किरण राव का नाम शामिल है, जो 15 साल की शादी के बाद अलग हुए।

संजय दत्त और रिया पिल्लई ने शादी के कुछ साल बाद तलाक लिया। वहीं दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार कमल हासन और सारिका भी दो बेटियों के माता-पिता होने के बावजूद अलग हुए। सैफ अली खान और अमृता सिंह ने उम्र में बड़ा अंतर होने के बावजूद शादी की, लेकिन बाद में तलाक लिया।

हाल के कपल्स में मलाइका अरोड़ा और अरबाज खान ग्रे डिवोर्स लेने वाले सेलेब्स कपल में शामिल हैं। वहीं अब वीरेंद्र सहवाग और पत्नी आरती का नाम भी चर्चा में है।

ग्रे डिवोर्स के प्रमुख कारण

अलग प्राथमिकताएं

शादी के कई वर्षों तक साथ रहने के बाद कपल आपसी समझौते से अलग होने का फैसला लेते हैं। ऐसा उनकी अलग प्राथमिकताओं के कारण हो सकता है। उम्र बढ़ने के साथ जीवन के प्रति दृष्टिकोण बदल जाता है।

बच्चों की जिम्मेदारी पूरी होना

ग्रे डिवोर्स तब होते हैं जब कई जोड़े बच्चों की परवरिश के बाद अलग होने का फैसला लेते हैं। कपल्स शादी के बाद रिश्ते में मजबूरन रहते हैं, क्योंकि वह अपने बच्चों को एक खुशहाल परिवार देना चाहते हैं। हालांकि ग्रे डिवोर्स में कपल के ऊपर बच्चों की जिम्मेदारी नहीं होती है। इस कारण उन्हें तलाक लेने में समस्या महसूस नहीं होती है।

आर्थिक स्वतंत्रता

पहले महिलाएं पति और ससुराल या मायके पर निर्भर रहती थीं। इसलिए शादी से असंतुष्ट होने पर भी रिश्ता निभाती थीं। खासकर शादी के कई साल बाद वह पूरी तरह से पति पर आर्थिक तौर पर निर्भर हो जाती हैं। हालांकि अब महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। विशेष रूप से महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने से वे असंतोषजनक शादी से बाहर निकलने का निर्णय लेने लगी हैं।

भावनात्मक दूरी

सालों तक साथ रहने के बावजूद कई दंपति एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से दूर हो जाते हैं। ऐसे में बिना भावनाओं के किसी रिश्ते में रहना मुश्किल हो सकता है और वह ग्रे डिवोर्स की ओर बढ़ते हैं।

भारत में ग्रे डिवोर्स के कानूनी पहलू

हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 : तलाक के लिए आपसी सहमति या अन्य कानूनी कारणों के आधार पर याचिका दायर की जा सकती है।

भरण-पोषण : महिलाओं को गुजारा भत्ता मिल सकता है, विशेष रूप से यदि वे आर्थिक रूप से निर्भर हैं।

संपत्ति का बंटवारा : तलाक के बाद संपत्ति के विभाजन को लेकर विवाद हो सकता है, खासकर यदि कोई प्री-नुप्शियल एग्रीमेंट नहीं है।

बच्चों की कस्टडी : यदी बच्चे नाबालिग हैं, तो उनकी कस्टडी पर भी फैसला लिया जाता है।