नई दिल्ली : हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली और सचिन एक-दूसरे से मिल रहे हैं। कांबली की तबीयत इतनी खराब है कि वह अपनी सीट से उठ तक नहीं पा रहे हैं। कांबली की शक्ल-सूरत भी काफी बदल गई है। पर आखिर उन्हें हुआ क्या है?
90 के दशक में कई भारतीय क्रिकेटरों ने दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई। इस दौर में विनोद कांबली का खौफ विरोधी गेंदबाजों की रात की नींदें उड़ा देता था। 100 से ज्यादा एकदिवसीय मैच खेल चुके कांबली हालांकि धीरे-धीरे लाइमलाइट से गायब होने लगे। हाल ही में एक वायरल वीडियो ने कांबली को लेकर फिर से चर्चा तेज कर दी है।
इसी हफ्ते मुंबई के प्रसिद्ध शिवाजी पार्क में दिग्गज क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर के स्मारक का अनावरण कार्यक्रम था। इस दौरान पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के साथ उनके जिगरी यार विनोद कांबली भी मौजूद रहे। इसी कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें कांबली और सचिन एक-दूसरे से मिल रहे हैं। कांबली की तबीयत इतनी खराब है कि वह अपनी सीट से उठ तक नहीं पा रहे हैं। कांबली की शक्ल-सूरत भी काफी बदल गई है।
वीडियो सामने आने के बाद से लोगों के मन में एक सवाल बना हुआ है कि आखिर विनोद कांबली को क्या हुआ है? किस बीमारी ने उन्हें इतना कमजोर बना दिया है। आइए इस रिपोर्ट में सबकुछ विस्तार से जानते हैं।
अगस्त में भी सामने आया था एक वीडियो
इससे पहले इसी साल अगस्त में भी कांबली का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्हें चलने में काफी परेशानी हो रही थी। लिहाजा उन्हे दो लोगों के सहारे की मदद से आगे ले जाया गया था।
अब तीन दिसंबर को विनोद कांबली जब अपने जिगरी दोस्त सचिन तेंदुलकर से मिले तो इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर छाया रहा। हालांकि कांबली की हालत देख हर किसी का दिल भी पसीज गया। कुछ सेकेंड तक उन्होंने सचिन को भी नहीं पहचाना। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांबली कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। उनकी आर्थिक मदद के लिए पूर्व कपिल देव ने हाथ बढ़ाया है।
कई बार जा चुके हैं रिहैब सेंटर
वैसे तो कांबली की सेहत को लेकर कोई पुष्ट रिपोर्ट सामने नहीं आई है हालांकि वह कई वर्षों से तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मादक पदार्थ के सेवन की लत के चलते वह करीब 14 बार रिहैब सेंटर भी जा चुके हैं।
हाल के वर्षों में उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। साल 2013 में उन्हें मुंबई में गाड़ी चलाते समय दिल का दौरा पड़ा। इससे पहले साल 2012 में उनकी दो धमनियों में रुकावटों को ठीक करने के लिए एंजियोप्लास्टी भी की गई थी थी। कार्डियोवैस्कुल रोगों ने उनकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
हृदय संबंधी समस्याओं के दुष्प्रभाव
मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि जिस तरह से कांबली को हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा, उसका व्यक्ति की सेहत पर कई तरह का नकारात्मक असर होता है। हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाने के कारण दिल का दौरा या मायोकार्डियल इंफार्क्शन होता है। इसके कारण भी कई प्रकार की दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें हृदय की कार्यक्षमता में कमी और भविष्य में हृदय संबंधी घटनाओं का जोखिम बढ़ जाना शामिल है।
इसके अलावा कांबली की एंजियोप्लास्टी भी हो चुकी है, जिसके लिए निरंतर प्रबंधन और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता होती है, वरना इसके कारण भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, एंजियोप्लास्टी करवाना और दिल का दौरा पड़ना, दोनों ही गंभीर हृदय रोग की स्थिति हैं। ऐसी प्रक्रियाओं के बाद, व्यक्तियों जीवनशैली में महत्वपूर्ण बदलाव करने की सलाह दी जाती है, जिसमें उनके आहार में सुधार, शारीरिक गतिविधि बढ़ाना और तनाव को प्रबंधित करना शामिल है। इनका पालन न करने से आगे की जटिलताएं हो सकती हैं।
कुछ रिपोर्ट्स ये भी कहते हैं कि कांबली अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के भी शिकार हैं, जिसने उनकी सेहत को और भी खराब कर दिया है।