नई दिल्ली: अब तक आपने और हमने कैजुअल फ्राइडे ड्रेस के बारे में सुना है, जिसमें कई कॉरपोरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों के आराम के लिए एक दिन यानी हर शुक्रवार को नॉन-फॉर्मल और आरामदायक ड्रेस पहनकर ऑफिस आने के लिए इजाजत देती है. शुक्रवार के दिन कर्मचारी अपने आरामदायक कपड़े पहनकर ऑफिस भी जाते हैं. आम दिनों में जब कोई ऑफिस जाता है तो फॉर्मल ड्रेस में ही जाता है. फॉर्मल कपड़ों का मतलब है कि जो प्रेस किए गए हों और साफ हों. लेकिन हम आपसे कहे कि इस्त्री किए हुए कपड़े आपके सेहत के लिए सही नहीं है तो आप यकीन करेंगे?
इस्त्री किये हुए कपड़े पहनने से हो सकती है समस्या
यह पढ़कर आप चौंक गए होंगे लेकिन यह हकीकत है. इस्त्री किये हुए कपड़े स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते. आइये जानते हैं कि इस्त्री किये हुए कपड़े अच्छे क्यों नहीं होते. सीएसआईआर भारत के अनुसंधान प्रयोगशालाओं का सबसे नागरिक नेटवर्क है. सीएसआईआर ने सोमवार के दिन एक अभियान चलाया, जिस अभियान का नाम था ‘WAH सोमवार’. इस अभियान को मुख्य थीम था ‘रिंकल अच्छे हैं’
है ना थोड़ा अजीब अभियान?
यानी इस अभियान में भाग लेने वाले लोगों को इस बात से अवगत कराया गया है कि इस्त्री किए कपड़े पहनना भी कभी जरूरी होता है. आपको कोशिश करनी चाहिए कि कपड़ों को बिना इस्त्री किए ही पहनें क्योंकि अगर आप ऐसा करेंगे तो आप और हम स्वस्थ रहेंगे. अब सवाल ये है कि ये कैसे संभव हो सकता है कि कोई बिना इस्त्री किए बिना कपड़ा नहीं पहनने? इसमें कोई शक नहीं है कि अगर बिना इस्त्री किए कपड़ा पहनेंगे तो अजीब लगेगा.
आखिर क्यों नहीं पहने?
सीएसआईआर ने बताया कि इस्त्री करने से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ जाता है. सीएसआईआर की सचिव और पहली महिला निदेशक डॉ एन कलैसेल्वी ने बताया कि वाह सोमवार एक बड़े ऊर्जा साक्षरता अभियान का हिस्सा है. कपड़ों के एक सेट को इस्त्री करने से 200 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का प्रोडक्शन कम होता है. इस पहले से हम कार्बन के उत्सर्जन को रोक सकते हैं. अगर हम ऐसा सभी करते हैं तो ना जाने कितने परसेंट कार्बन को कम कर सकते हैं और अर्थ की लाइफ को और दिनों के लिए सेव कर सकते हैं.