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इस बार वास्तु के इन नियमों के हिसाब से करें नवरात्रि पूजन, बढ़ेगी धन की आवक

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नई दिल्ली : शारदीय नवरात्रि उत्सव 3 अक्तूबर से शुरू हो रहा है। इस दिन से लोग अपने घरों में कलश स्थापित करके देवी दुर्गा की पूजा करना शुरू कर देते हैं। पुराणों में कलश को भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है। इसलिए, जब आप नवरात्रि के दौरान कलश स्थापित करते हैं, तो आप भगवान विष्णु के आगमन का आह्वान करते हैं। संपूर्ण सृष्टि पर शासन करने वाले भगवान विष्णु का आशीर्वाद जिस किसी को मिल जाए, उसके हर जन्म में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती हैं।

आज हम बात करने जा रहे हैं नवरात्रि पूजन से जुड़े कुछ बेहद महत्वपूर्ण वास्तु उपायों के बारे में

वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना के लिए उत्तर-पूर्व सबसे शुभ दिशा है। कहा जाता है कि इस स्थल पर देवी-देवताओं का वास है। इसलिए इस दिशा में देवी दुर्गा की मूर्ति और कलश रखने से आपके घर में सकारात्मक शक्तियां प्रवेश करती हैं।

घर में अखंड ज्योत जलाने की दिशा?
नवरात्रि के नौ दिनों तक घर में अखंड ज्योत रखी जाती है। इस लौ को पूजा वाले स्थान पर दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योत के लिए यह शुभ दिशा मानी जाती है। इससे परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं और घर में धन का आगमन बढ़ता है।

घर के मुख्य द्वार पर लगाएं ये चिह्न
घर में नकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश करने से रोकने के लिए सामने के दरवाजे पर ॐ का चिह्न और मां लक्ष्मी के चरण चिह्न बहुत शुभ माना जाता है। इस वास्तु उपाय से चाहकर भी घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाएगी और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ेगा। इससे परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

करें ये वास्तु उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि के दौरान अपने काम और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ऑफिस के मुख्य द्वार पर एक छोटा कलश या बर्तन में सामग्री भरकर उसे पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। फिर अंदर लाल और पीले फूल रखें। माना जाता है कि इससे करियर गति पकड़ेगा।