नई दिल्ली : अब तक आपने कई दुर्लभ फूलों के नाम सुने होंगे, मगर आज हम जिस फूल के बारे में बताने जा रहे हैं वो दुर्लभ होने का साथ-साथ अजीब भी है। हम बात कर रहे हैं ब्लैक बैट फ्लावर की। ब्लैक बैट फ्लावर एक अत्यंत ही दुर्लभ और रहस्यमयी फूल है जो अपनी अजीबोगरीब बनावट और गहरे रंग के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस फूल के पंखुड़ियों की अनूठी बनावट के कारण इसे चमगादड़ के जैसा माना जाता है, जिसके वजह से इसका नाम ब्लैक बैट फ्लावर पड़ा। देखा जाए तो इसके नाम में ही बैट है जिसका अर्थ चमगादड़ होता है। यह फूल अन्य फूलों से बिल्कुल अलग होता है। इसकी पंखुड़ियां चमगादड़ के पंखों की तरह दिखती हैं और इसका केंद्र एक चमगादड़ के मुंह जैसा लगता है।
ब्लैक बैट फ्लावर का रंग गहरा बैंगनी या काला होता है जो इसे और भी रहस्यमयी बनाता है। इस फूल को उगाना बहुत मुश्किल काम है। यह फूल बहुत कम जगहों पर पाया जाता है यही वजह है कि इस फूल के बारे में बहुत कम लोगों को ही मालूम हैं। इस फूल की खुशबू मक्खियों और अन्य कीड़ों को अपनी ओर आकर्षित करती है जो इस फूल के परागण में मदद करते हैं। ब्लैक बैट फ्लावर की संरचना थोड़ी जटिल होती है। इस फूल के केंद्र में लंबी मूछों जैसी दिखने वाली चीज होती है, जो इसे उड़ते हुए चमगादड़ के समान बनाती हैं। साथ ही खिली हुई कली उड़ते हुए चमगादड़ के पंख के जैसे दिखते हैं। ये सारी विशेषताएं ब्लैक बैट फ्लावर को सामान्य फूलों से अलग करती हैं।
कहां पाया जाता है?
ब्लैक बैट फ्लावर मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के उष्णकटिबंधीय जंगलों में पाया जाता है। यह फूल आमतौर पर पेड़ों की शाखाओं पर उगता है और इसे ढूंढना बहुत मुश्किल होता है।
सुख-समृद्धि का प्रतीक
इन सब के बीच में हैरान करने वाली बात ये है कि काला रंग और चमगादड़ जैसा दिखने के बावजूद कुछ संस्कृतियों में, ब्लैक बैट फ्लावर को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसे सकारात्मक ऊर्जा के सांचार से जोड़ा जाता है। साथ ही ये भी माना जाता है कि इसे उगाने वालों के लिए यह सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
ब्लैक बैट फ्लावर की खेती करना बहुत मुश्किल होता है। इसे पनपने के लिए खास तरह के वातावरण की जरूरत होती है। ब्लैक बैट फ्लावर छायादार क्षेत्रों में उगता है, छाया के लिए इसकी प्राथमिकता इसे कई अन्य फूलों वाले पौधों से अलग करती है।