नई दिल्ली : वास्तु के अनुसार 6 पेंटिंग्स जो बदल सकती हैं आपकी जिंदगी, जानिए पेंटिंग्स लगाने की सही दिशा क्या होती है।
वास्तु शास्त्र में घर के वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भरने और जीवन को सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करने के लिए पेंटिंग्स का विशेष महत्व है। सही स्थान और विषय की पेंटिंग्स घर में शांति, सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार करती हैं। यहां हम उन 6 पेंटिंग्स का जिक्र करेंगे जो वास्तु के अनुसार आपकी जिंदगी को सकारात्मक बदलाव दे सकती हैं।
- उगते सूरज की पेंटिंग
वास्तु शास्त्र में उगते सूरज की पेंटिंग को नई शुरुआत, ऊर्जा और आशा का प्रतीक माना गया है। इसे घर के पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है। यह न केवल सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है बल्कि परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और उत्साह में वृद्धि करता है। - बहती नदी या झरने की पेंटिंग
बहती नदी या झरने की पेंटिंग को प्रगति, समृद्धि और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। यह धन के प्रवाह को बनाए रखती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। - घोड़े दौड़ने की पेंटिंग
दौड़ते हुए सात घोड़ों की पेंटिंग वास्तु में सफलता और दृढ़ता का प्रतीक है। इसे घर या ऑफिस के दक्षिण दिशा में लगाने से व्यापार में उन्नति होती है और कार्यक्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल होती हैं। - हंसों की पेंटिंग
हंसों की जोड़ी की पेंटिंग को प्रेम, विश्वास और संतुलन का प्रतीक माना जाता है। इसे दंपति के बेडरूम में लगाना शुभ होता है। यह दांपत्य जीवन को सुखी और संतुलित बनाती है और रिश्तों में मधुरता लाती है।
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- भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला पेंटिंग
भगवान श्रीकृष्ण और राधा की रासलीला की पेंटिंग प्रेम, सौहार्द और भक्ति का प्रतीक है। इसे घर के पूजा स्थल या ड्राइंग रूम में लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और रिश्तों में सामंजस्य बना रहता है। - हरियाली या जंगल की पेंटिंग
वास्तु के अनुसार हरियाली, फूलों और जंगल की पेंटिंग को घर में उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। यह स्वास्थ्य, खुशहाली और मानसिक शांति का संचार करती है। हरियाली की छवि तनाव को कम करती है और घर के सदस्यों में सकारात्मकता का संचार करती है।
पेंटिंग्स के लिए वास्तु के सामान्य नियम
- पेंटिंग्स को हमेशा साफ-सुथरा और जीवंत बनाए रखें। धूल-मिट्टी जमी पेंटिंग नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकती है।
- नकारात्मक भावनाओं जैसे दुःख, युद्ध, गुस्सा या भय को दर्शाने वाली पेंटिंग्स से बचें।
- पेंटिंग्स को उचित ऊंचाई पर लगाएं ताकि सभी इसे सहजता से देख सकें।
- टूटे या फटे फ्रेम वाली पेंटिंग्स तुरंत बदलें।