नई दिल्ली : हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने घोषणा की थी कि वे एक साल के अप्रेंटिसशिप के लिए 500, 3,000 और 550 भर्तियां करेंगे। इस दौरान भर्ती किए गए लोगों को 15 हजार रुपये महीने भत्ता दिया जाएगा। बैंक ऑफ इंडिया को चरणबद्ध तरीके से 1,300 प्रशिक्षुओं की भर्ती के लिए बोर्ड की मंजूरी मिल गई है।
देश के कई राज्यों में सरकारी बैंकों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे कस्बों में भी बैंकिंग सेवा प्रभावित हो रही है। ऐसे में कस्टमर को अच्छी बैंकिंग सुविधा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों प्रशिक्षु कार्यक्रमों के तहत पहली बार नई भर्तियां शुरू करने जा रहा है।
हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने घोषणा की थी कि वे एक साल के अप्रेंटिसशिप के लिए 500, 3,000 और 550 भर्तियां करेंगे। इस दौरान भर्ती किए गए लोगों को 15 हजार रुपये महीने भत्ता दिया जाएगा। बैंक ऑफ इंडिया को चरणबद्ध तरीके से 1,300 प्रशिक्षुओं की भर्ती के लिए बोर्ड की मंजूरी मिल गई है।
बैंक इन प्रशिक्षुओं को महत्वपूर्ण फील्ड वर्क में लगाएगा। इनमें कंज्यूमर रिलेशन बनाना सबसे अहम होगा। इनमें ज्यादातर भर्तियां स्थानीय लोगों की होगी, जिससे वे वहां के लोगों को स्थानीय भाषा में आसानी से बैंकिंग कामकाज में मदद कर सकेंगे। बैंकिंग सेक्टर के जानकारों का कहना है कि बैंकों के प्रशिक्षु भर्ती कार्यक्रम विभिन्न राज्यों के गांवों की बैंकिंग शाखाओं को लेकर हैं। इनमें ग्राहकों के साथ संबंध बेहतर बनाना प्रमुख है। इसके अलावा ये प्रशिक्षु ग्राहकों की जरूरतों समझ सकेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान कर सकेंगे, जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
इन प्रशिक्षुओं को बैंक की उन शाखाओं में तैनात किया जाएगा जहां कर्मचारियों की कमी है। इन प्रशिक्षुओं को ग्राहकों की समस्याओं के समाधान करने के अलावा उन बैंकों में भी ड्यूटी पर लगाया जाएगा, जहां कर्मचारियों के पास ज्यादा वर्कलोड है। इन भर्तियों में स्थानीय लोगों को अवसर मिलेगा, जिससे वे बेहतर सेवा देने में मददगार बन सकें। बैंक में काम करने के अनुभव से इन प्रशिक्षुओं को भविष्य में वित्तीय क्षेत्र में नौकरी पाने में बहुत आसानी होगी।