नई दिल्ली : इस्राइल ने लेबनान के कट्टरपंथी संगठन हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह को हवाई हमले में मार दिया है। इसके बाद भी इस्राइल हिज्बुल्लाह पर लगातार मिसाइल से हमला कर रहा है। इन हमलों में इस्राइल की खुफिया एजेंसियों ने अपनी काबिलियत और ताकत पूरी दुनिया को दिखा दी है। इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद दुनिया की खतरनाक खुफिया एजेंसियों में शामिल है। दुनिया की कुछ खुफिया एजेंसियों को मोसाद से भी खतरनाक माना जाता है। आइए आज हम आपको इस खबर में उन एजेंसियों के बारे में बताते हैं….
मोसाद की कितनी है ताकत?
इजरायल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियोन ने 13 दिसंबर 1949 में मोसाद का गठन किया गया था। दरअसल, पीएम डेविड का मकसद था कि एक ऐसे संगठन को तैयार किया जाए, जो सेना के साथ मिलकर देश की सुरक्षा के लिए खुफिया तौर पर काम करता रहे। मोसाद का सालाना बजट 2.73 अरब डॉलर यानी 22810 करोड़ रुपये है। जानकारी के मुताबिक, मोसाद के तहत करीब 7000 लोग काम करते हैं। इसके कारण यह दुनिया की सबसे बड़ी जासूसी एजेंसियों में शामिल है।
CIA
अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी सीआईए भी बेहद खतरनाक मानी जाती है। इसे अमेरिका की फस्ट लाइन ऑफ डिफेंस भी कहा जाता है। सीआईए की स्थापना साल 1947 में की गई थी। इसका काम विदेशी जासूसों से देश की रक्षा करना और दूसरे देशों की जासूसी करना है। अमेरिका ने साल 2020 में राष्ट्रीय खुफिया कार्यक्रम के लिए कुल 62.7 अरब डॉलर यानी 4 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का बजट पास किया गया था। खास बात यह है कि यह टेक्नोलॉजी के अलावा मानवीय जासूसी पर ज्यादा काम करती है और सिर्फ मानवीय जासूसी पर 30 हजार करोड़ खर्च करती है। सीआईए ऐसी एजेंसी है, जिसने कबूतरों के जरिए भी बहुत जासूसी की थी। सीआईए ने साबित किया था कि कैसे कबूतरों से काम कराया जाता है।
NSA
नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी भी अमेरिका की खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी सिग्नल इंटेलिजेंस पर काम करती है। यह देश और विदेश दोनों स्तर पर काम करती है। अमेरिका के नेताओं को एनएसए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करके राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बजब के हिसाब से यह अमेरिका की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी है। यह डेटा माइनिंग को लेकर और तकनीकी तौर पर काफी काम करती है।
MI6
यह यूनाइटेड किंगडम का मिलिट्री इंटेलिजेंस सेक्शन है। यह दुनियाभर में ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काम करती है। एमआई6, आतंकवाद का मुकाबला करने, प्रसार को रोकने, साइबर सुरक्षा के लिए खुफिया जानकारी उपलब्ध कराने समेत कई काम करती है। यह एजेंसी इतनी सीक्रेट है कि इससे जुड़ी बेहद कम जानकारी सामने आई है। इस एजेंसी ने न सिर्फ हिटलर को ब्रिटेन से बाहर रखने में, बल्कि हिटलर को हराने में भी अहम भूमिका निभाई थी।
FSB
रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। यह आतंकवाद से निगरानी तथा देश की आंतरिक और बाहरी सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारियां निभाती है। साल 1995 में बनी यह एजेंसी देश के बाहर और देश के अंदर आतंकवाद विरोधी कई गतिविधियों की समाप्ति में अहम भूमिका निभा चुकी है।
RAW
भारत की खुफिया एजेंसी RAW को भी दुनिया की टॉप एजेंसियों में एक गिना जाता है. भारत में आईबी, देश के अंदर के मामलों पर नजर रखती है जबकि RAW विदेशी खुफिया मामलों को देखती है. 1968 में बनी RAW ने 1971 के युद्ध में काफी अहम किया था और इसके बाद RAW के एजेंट्स ने भारत-पाकिस्तान के बीच कई ऐसे काम किए हैं, जिनकी वजह से RAW को भी दुनिया की खतरनाक एजेंसियों में गिना जाता है।