मध्यप्रदेश : हज 2025 के आवेदनों की कम संख्या वाले हालात सिर्फ मप्र से ही नहीं हैं, बल्कि यह स्थिति पूरे में बनी हुई है। इसको देखते हुए सेंट्रल हज कमेटी ने हज आवेदन की अंतिम तारीख आगे बढ़ाकर अब 23 सितंबर कर दी है।
हर साल अकीदतमंदों की अर्जियों का 20 से 22 हजार पार पहुंचने वाला आंकड़ा इस साल महज 7 हजार के आसपास सिमटकर रह गया है। निर्धारित तारीख तक मिलने वाले इस निराशाजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए सेंट्रल हज कमेटी ने हज आवेदन की अंतिम तिथि आगे बढ़ा दी है। अब हज 2025 के चाहतमंद 23 सितंबर तक अपने आवेदन जमा कर सकते हैं
जानकारी के अुनसार हज यात्रा 2025 की आवेदन प्रक्रिया 13 अगस्त से शुरू हुई थी। इसके लिए अंतिम तारीख 9 सितंबर तय की गई थी, लेकिन हज कमेटी सूत्रों के मुताबिक इस तारीख तक पूरे प्रदेश से मिले आवेदनों की संख्या बहुत निराशाजनक हैं। यह तादाद अब तक 7 हजार के आसपास है, जबकि पिछले कुछ सालों में मिलने वाले हज आवेदन की संख्या 20 से 22 हजार के पार पहुंचती रही है।
प्रदेशभर से मिलने वाले इतनी बड़ी तादाद में आवेदन का असर यह भी होता रहा है कि एमपी को मिलने वाले सीमित हज कोटे की वजह से चाहतमंदों को निराश होना पड़ता था।
गौरतलब है कि हज 2025 के आवेदनों की कम संख्या वाले हालात सिर्फ मप्र से ही नहीं हैं, बल्कि यह स्थिति पूरे में बनी हुई है। इसको देखते हुए सेंट्रल हज कमेटी ने हज आवेदन की अंतिम तारीख आगे बढ़ाकर अब 23 सितंबर कर दी है।
नई हज पॉलिसी का असर
हज 2025 के लिए घोषित की गई पॉलिसी में हज नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। इसके अनुसार हज कमेटी को मिलने वाले कोटे में कटौती की गई है। साथ ही प्राइवेट कोटे को बढ़ा दिया गया है। हजयात्रियों को उम्र सीमा में बांधने और पति पत्नी को एकसाथ ठहरने पर पाबंदी जैसे हालात भी नई पॉलिसी से बने हुए हैं।
कमेटी सचिव की बेखबरी
मप्र राज्य हज कमेटी सचिव फरजाना गजाल के पास कमेटी का अतिरिक्त प्रभार है। वे मूल रूप से मप्र वक्फ बोर्ड की सीईओ हैं। जिसके चलते वे हज कमेटी के कार्यों के लिए पर्याप्त समय नहीं दे पा रही हैं। जरूरतमंद हज चाहत मंद लोगों से मिलने, उन्हें सहयोग या मार्गदर्शन देने में न उनकी रुचि है और न ही वे इसके लिए समय ही निकाल पाती हैं। हज यात्रा से पहले प्रदेश से जाने वाले हाजियों के सऊदी अरब में ठहरने की जगह के चयन प्रक्रिया पूरी करने पहुंचना भी फरजाना गजाल के लिए संभव नहीं हो पाएगा। इसका असर यह होगा कि सऊदी सरकार द्वारा जारी की जाने बिल्डिंगों पर ही प्रदेश के हाजियों को गुजारा करने की मजबूरी रहेगी।