
इस रहस्यमयी बावड़ी में दूल्हे समेत गायब हो गई थी पूरी बारात, सिर्फ एक रात में बनकर हो गई थी तैयार
नई दिल्ली : गुर्जर प्रतिहार वंश के राज मिहिर भोज उर्फ चांद ने इस बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में करवाया था। इसके कारण ही इसे चांद बावड़ी के नाम से जाना जाता है। देश में कई ऐसी जगहे हैं, जो बेहद रहस्यमयी मानी जाती हैं। इनमें राजस्थान की एक बहुत प्राचीन बावड़ी भी शामिल…