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मंगल ग्रह पर कुत्ता देखकर वैज्ञानिक हैरान, जानिए कहां से आईं ये रहस्यमयी चीजें

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नई दिल्ली : क्या ब्रह्मांड में पृथ्वी के अलावा कहीं और जीवन है? सालों से वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं। इसके लिए वह अलग-अलग ग्रहों के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। वैज्ञानिकों में मंगल ग्रह को लेकर काफी उत्सुकता है। अब इस बीच उन्होंने मंगल ग्रह पर कुछ ऐसा देखा जिससे वह हैरत में पड़ गए।

दरअसल, वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के उत्तरी ध्रुव पर कई रहस्यमयी आकृतियां दिखी हैं। मंगल ग्रह की सतह के नीचे ये आकृतियां स्थित हैं। सबसे हैरानी वाल बात यह है कि इनमें एक कुत्ते जैसी दिखने वाली आकृति है। यह एक ब्लॉब है, जो देखने में किसी कुत्ते जैसी दिखती हैं। इस मार्टियन डॉग को देखकर वैज्ञानिक हैरान रह गए।

वैज्ञानिक मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का नक्शा बना रहे थे। इस दौरान उन्होंने उत्तरी ध्रुव पर कई रहस्यमयी और घनी आकृतियां देखीं। यह आकृतियां ज्यादा ग्रैविटी वाले ब्लॉब हैं। इन्हें थक्का या कोई बेहद घनत्व वाला स्थान कहा जा सकता है। इसका बनना भी एक रहस्य है। अब सवाल है कि आखिर इनका निर्माण कैसे हुआ?

नक्शे से मंगल के ज्वालामुखियों के इतिहास और सबसे ऊंचे पहाड़ ओलिंपस मॉन्स के रहस्य का भी खुलासा हुआ है। इस नक्श में मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण की पूरी जानकारी है। पूरे ग्रह का सिर्फ एक नक्शा है।

वैज्ञानिकों ने नासा के इनसाइट लैंडर के रिकॉर्ड्स, मार्स रीकॉन्सेंस ऑर्बिटर और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के मार्स एक्सप्रेस के डेटा से इन नक्शे को तैयार किया है। इनसे मंगल ग्रह के छिपे गुरुत्वाकर्षण में होने वाले बदलावों की जानकारी मिली है।

वैज्ञानिकों ने क्या देखा?

वैज्ञानिकों ने नक्शे में मंगल ग्रह के उत्तरी ध्रुव पर 20 अंडरग्राउंड ब्लॉब देखे हैं। यह सभी बोरिएलिस बेसिन में मौजूद हैं, जो 300 करोड़ साल पुरानी तलहटी है और अब सूख चुकी है। अलग-अलग आकृतियों और आकारों में यह ब्लॉब हैं। इनमें से एक कुत्ते की तरह दिखाई देता है। इनका घनत्व 300 से 400 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक है।

नीदरलैंड्स की डेल्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के ग्रह वैज्ञानिक और इस अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता बार्ट रूट ने बताया कि यह रहस्यमयी आकृतियों के पीछे हो सकता है ज्वालामुखीय गतिविधियां हों या यह भी हो सकता है कि किसी प्राचीन उल्कापिंड के टकराने से बने ऊर्जा का पिंड हो सकती है। यह अधिक गुरुत्वाकर्षण का का समूह हो सकता है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इनका कोई सबूत या संकेत सतह पर नहीं नजर आता।