मुंबई: महाराष्ट्र में कल से बजट सत्र शुरू होगा. इसको लेकर सूबे की महागठबंधन सरकार ने विपक्ष को टी पार्टी के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन विपक्ष ने सरकार के टी पार्टी का बहिष्कार करने का फैसला किया है. विपक्ष ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार विपक्षी दलों के साथ संवाद नहीं कर रही है और राज्य सरकार किसानों, मजदूरों और बेरोजगारों के खिलाफ रुख अपना रही है, इसलिए इस सरकार की चाय पार्टी में जाना राज्य के आम नागरिकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा.विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के आधिकारिक निवास पर रविवार को शिवसेना UBT, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) के नेताओं की एक बैठक हुई.
इसमें उन्होंने सरकार कि आगामी सत्र में कैसे और किन मुद्दों पर सरकार को घेरा जाए, इस पर चर्चा की गई.विजय वडेट्टीवार की अनुपस्थितिइस बैठक में विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, एनसीपी विधानसभा समूह के नेता जितेंद्र आव्हाड, कांग्रेस विधानसभा उपनेता अमीन पटेल, विधायक भाई जगताप, शिवसेना उभय पक्ष समूह के नेता भास्कर जाधव, मुख्य विपक्षी विधायक सुनील प्रभु उपस्थित थे. हालांकि, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार बैठक में मौजूद नहीं रहे.’टी पार्टी में जाने का कोई मतलब बातचीत नहीं’टी पार्टी को लेकर अंबादास दानवे ने कहा, “मुख्यमंत्री ने हमें टी पार्टी में आमंत्रित किया था. हालांकि, सिर्फ टी पार्टी में जाने का मतलब बातचीत नहीं है. वास्तव में, सत्ता पक्ष और विपक्ष एक ही गाड़ी के दो पहिए हैं. लेकिन सरकार विपक्षी दलों से पर्याप्त संवाद नहीं कर रही है.
इसलिए विपक्षी दलों ने मिलकर चाय पार्टी का बहिष्कार करने का फैसला किया है.उन्होंने कहा कि राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे दोषी पाए गए हैं. इसलिए उन्हें एक पल भी राज्य मंत्रिमंडल में नहीं रहना चाहिए, लेकिन सरकार इस्तीफा देने के बजाय उन्हें बचा रही है.’योगेश कदम को मंत्रिमंडल में रहने का कोई अधिकार नहीं’दानवे ने कहा कि स्वर्गेट महिला अत्याचार मामले पर असंवेदनशील बयान देने वाले गृह राज्य मंत्री योगेश कदम को मंत्रिमंडल में रहने का कोई अधिकार नहीं है. संतोष देशमुख हत्याकांड के आरोपी वाल्मीक कराड को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. शराबबंदी के दौरान गढ़चिरौली और वर्धा जिले में सात हजार मामले दर्ज किए गए हैं. संतोष देशमुख हत्याकांड का आरोपी कृष्णा अंधाले अभी भी पकड़ा नहीं गया है.’तीन चेहरों वाली सरकार’उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय निकाय चुनाव न होने से अधिकारी अधिक अहंकारी हो गए हैं.
राज्य में अनधिकृत इमारतें बनाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. हालांकि, इसका असर आम घर खरीदने वालों पर पड़ रहा है. दानवे ने आगे कहा कि लड़की बहन योजना एक प्रलोभन है, 10 लाख से अधिक बहनों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. किसानों के मुद्दों की अनदेखी की जा रही है.बेमतलब का बजट सत्रवहीं, कांग्रेस विधायक भाई जगताप ने बजट को लेकर सवाल उठाया कि देवेंद्र फडणवीस हमारे महाराष्ट्र को कहां ले गए हैं. राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है. हालांकि, सरकार दिखावा कर रही है कि सब कुछ ठीक है. उन्होंने कहा कि यह निरर्थक बजट सत्र है.