नई दिल्ली : सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। हर साल चार बार नवरात्रि पड़ती है, जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है। इसके अलावा एक चैत्र माह में पड़ने वाली चैत्र नवरात्रि और दूसरी आश्विन मास में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि होती है। पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि इस साल अक्तूबर माह में पड़ रही है। शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल पूरे 9 दिनों की शारदीय नवरात्रि मनाई जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि की तिथि, महत्व और शुभ मुहूर्त…
शारदीय नवरात्रि 2024 कब है?
पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्तूबर सुबह 12:19 बजे से हो रहा है, और 4 अक्टूबर सुबह 2:58 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 3 अक्तूबर 2024, गुरुवार से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रही है, जो 12 अक्तूबर 2024, शनिवार के दिन समाप्त होगी।
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2024
पंचांग के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है और साथ ही लोग कलश स्थापना भी करते हैं। इसके लिए शुभ मुहूर्त 3 अक्तूबर को सुबह 6:19 बजे से 7:23 बजे तक है। साथ ही अभिजित मुहूर्त 11:52 बजे से लेकर 12:40 बजे होगा।
शारदीय नवरात्रि 2024 तिथि
पहला दिन- मां शैलपुत्री – 3 अक्टूबर 2024
दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 4 अक्टूबर 2024
तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा की पूजा – 5 अक्टूबर 2024
चौथा दिन- मां कूष्मांडा की पूजा – 6 अक्टूबर 2024
पांचवां दिन- मां स्कंदमाता की पूजा – 7 अक्टूबर 2024
छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा – 8 अक्टूबर 2024
सातवां दिन- मां कालरात्रि की पूजा – 9 अक्टूबर 2024
आठवां दिन- मां सिद्धिदात्री की पूजा – 10 अक्टूबर 2024
नौवां दिन- मां महागौरी की पूजा – 11 अक्टूबर 2024
विजयदशमी – 12 अक्टूबर 2024, दुर्गा विसर्जन
मां दुर्गा का आगमन
देवी भागवत पुराण के अनुसार, नवरात्रि के दौरान माता रानी धरती पर वास करती हैं। इस दौरान वह किसी न किसी वाहन पर सवार होकर पृथ्वी लोग आती हैं, और वापसी भी कुछ इसी तरह करती हैं।
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
इस श्लोक के अनुसार, वार के अनुसार देवी माता के आगमन और प्रस्थान के वाहन को निर्णारित किया जाता है। सोमवार या रविवार को नवरात्री की शुरुआत होती है, तो माता हाथी पर, मंगलवार या शनिवार को घोड़े पर, शुक्रवार को डोली में और गुरुवार को डोली में सवार होकर आती हैं। वहीं बुधवार के दिन माता नौका पर सवार होकर आती हैं।
इस बार शारदीय नवरात्रि गुरुवार के दिन शुरू हो रही है। ऐसे में माता रानी का वाहन इस बार पालकी रहेगा। दरअसल, नवरात्रि में माता रानी का धरती पर पालकी से आना अच्छा संकेत नहीं माना जाता है।