नई दिल्ली : शोधकर्ताओं का कहना है कि उस समय उत्तर-पश्चिमी अरब को बंजर रेगिस्तान माना जाता था, जहां चरवाहे खानाबदोश रहते थे और यहां कई दफन स्थल थे।
सऊदी अरब में करीब चार हजार साल पुराने एक शहर की खोज पुरातत्वविदों ने की है। शोधकर्ताओंं का दावा है कि सऊदी में एक रेगिस्तानी इलाके में छिपे 4,000 साल पुराने किलेबंद शहर की खोज से पता चलता है कि कैसे उस समय जीवन धीरे-धीरे खानाबदोश से शहरी रहन-सहन में बदल रहा था। उत्तर पश्चिम सऊदी में मिले इस प्राचीन शहर का नाम अल-नताह है। ये शहर लंबे समय तक खैबर की दीवारों से घिरे नखलिस्तान में छिपा हुआ था। यह खोज इस बात का प्रमाण है कि इस क्षेत्र में प्राचीन काल में भी उन्नत सभ्यताएं मौजूद थीं। इस अध्ययन का विवरण प्लस वन नामक एक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
50 से अधिक घर और एक विशाल दीवार मिली
एक रिपोर्ट के मुताबिक, खैबर के रेगिस्तानी इलाके का यह स्थल प्रारंभिक कांस्य युग के खानाबदोशी से स्थिर जीवनशैली में बदलाव से सीधे जुड़ा हुआ है। फ्रांसीसी पुरातत्वविद् गिलाउम चार्लोक्स के नेतृत्व में किए गए शोध में प्राचीन 50 से अधिक अलग-अलग घर और एक 14.5 किलोमीटर लंबी दीवार की खोजी गई है। अब जर्नल पीएलओएस वन में पब्लिश एक नए अध्ययन में फ्रांसीसी-सऊदी शोधकर्ताओं की टीम ने ये कहा है कि ये दीवार प्राचीर एक शहर के पास बनी है।
करीब 500 लोगों का था घर
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उस समय बड़ा शहर था। यहां करीब 500 लोग रहते थे। प्रारंभिक कांस्य युग के दौरान इस बस्ती को लगभग 2400 ईसा पूर्व के आसपास बसाया गया था और लगभग 1400 ईसा पूर्व तक यहां जीवन रहा होगा। एक हजार साल बाद ये वीरान हो गया। हालांकि इसके निवासियों ने शहर क्यों छोड़ा, कोई नहीं जानता है। जब अल-नताह का निर्माण हुआ, तो वर्तमान सीरिया से लेकर जॉर्डन तक भूमध्य सागर के किनारे लेवंत क्षेत्र में फल-फूल रहे थे।
उत्तर-पश्चिमी अरब माना जाता था बंजर रेगिस्तान
शोधकर्ताओं का कहना है कि उस समय उत्तर-पश्चिमी अरब को बंजर रेगिस्तान माना जाता था, जहां चरवाहे खानाबदोश रहते थे और यहां कई दफन स्थल थे। 15 साल पहले पुरातत्वविदों ने खैबर के उत्तर में तायमा के नखलिस्तान में कांस्य युग की प्राचीर की खोज की थी। इसी पहली आवश्यक खोज ने वैज्ञानिकों को इन मरूद्यानों को करीब से देखने के लिए प्रेरित किया।
घरों की नींव से खुलासा
चार्लोक्स ने कहा, बेसाल्ट नाम की काली ज्वालामुखीय चट्टानों ने अल-नताह की दीवारों को पूरी तरह से छुपा दिया कि इसने साइट को अवैध उत्खनन से बचाया। ऊपर से साइट का अवलोकन करने से संभावित रास्तों और घरों की नींव का पता चला, जिससे पता चला कि पुरातत्वविदों को कहां खुदाई करने की जरूरत है। खुदाई में मिली नींव से साफ है कि ये कम से कम एक या दो मंजिला घरों के लिए थी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रारंभिक निष्कर्ष 2.6 हेक्टेयर के शहर की तस्वीर पेश करते हैं, जिसमें लगभग 50 घर एक पहाड़ी पर स्थित हैं, जो अपनी खुद की दीवार से सुसज्जित हैं। यहां मिले कब्रिस्तान के अंदर मौजूद कब्रों में कुल्हाड़ियों और खंजर और सुलेमानी पत्थर मिले हैं। जो इतने लंबे समय पहले के अपेक्षाकृत उन्नत समाज का संकेत देते हैं।