श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला बजट सत्र आज शुरू होने के साथ ही विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने शराबबंदी सहित अपने तीन बिलों के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस की सहयोगी कांग्रेस से समर्थन मांगा है.पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस विधायक दल के नेता गुलाम अहमद मीर से पीडीपी विधायकों द्वारा पेश किए गए तीन महत्वपूर्ण प्राइवेट मेंबर बिलों का समर्थन करने का आग्रह किया. इस संबंध में पुलवामा से पीडीपी विधायक वहीद पारा ने तीन प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए हैं.इनमें शराब पर प्रतिबंध लगाने की मांग, जम्मू- कश्मीर (सार्वजनिक भूमि में निवासियों के संपत्ति अधिकारों का नियमितीकरण और मान्यता), और जम्मू- कश्मीर सिविल सेवा (तदर्थ, दैनिक वेतनभोगी, जरूरतमंद और अन्य अस्थायी श्रमिकों के नियमितीकरण के लिए विशेष प्रावधान) अधिनियम 2025 शामिल हैं.महबूबा ने नेता गुलाम अहमद मीर को लिखे पत्र में कहा,’ये बिल हमारे लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाली तत्काल चिंताओं को दूर करने और उनकी आकांक्षाओं को बनाए रखने का प्रयास करते हैं.
इन विधायी प्रस्तावों का विवरण जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय के साथ साझा किया गया है.इसमें इन मुद्दों को केवल एक पार्टी की पहल के रूप में नहीं बल्कि लोगों की सामूहिक शिकायतों को दूर करने की दिशा में उठाए गए कदमों के रूप में देखने का आग्रह किया गया है.’ पत्र में आगे लिखा गया,’ मैं आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रही हूं और आशा करती हूं कि हम इन मुख्य मुद्दों पर एक साथ आगे बढ़ सकते हैं.हमारे राजनीतिक रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारे लोगों के सामने आने वाली चुनौतियां साझा हैं, और इसलिए उन्हें संबोधित करने का हमारा संकल्प भी साझा होना चाहिए.’ गुलाम अहमद मीर अनंतनाग जिले के डूरू विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.वह वर्तमान में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य हैं. 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कांग्रेस के छह विधायक हैं जबकि पीडीपी के तीन विधायक हैं. कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली 49 सदस्यीय सरकार में गठबंधन सहयोगी है.88 सदस्यीय विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के 42, बीजेपी के 28, कांग्रेस के छह, पीडीपी के तीन और निर्दलीय तीन सदस्य हैं. बीजेपी विधायक दविंदर सिंह राणा के निधन से दो सीटें खाली हुई थी और उमर अब्दुल्ला ने बडगाम विधानसभा सीट खाली की थी.
एनसी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक तनवीर सादिक ने संकेत दिया है कि सरकार शराबबंदी का समर्थन नहीं करेगी क्योंकि उनका तर्क है कि कश्मीर एक पर्यटन स्थल है. कांग्रेस ने अभी तक विपक्ष के बिलों का समर्थन करने की इच्छा नहीं दिखाई है. महबूबा ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर 2019 के घटनाक्रम के बाद से.उन्होंने पत्र में कहा, ‘पिछले कुछ साल हमारे लोगों के लिए बेहद मुश्किल भरे रहे हैं, जिन्हें राजनीतिक अनिश्चितता, आर्थिक स्थिरता और सामाजिक संकट का सामना करना पड़ा है. दुर्भाग्य से ये कठिनाइयां बनी हुई हैं. हमारे लोगों की सामूहिक आवाज ध्यान आकर्षण और सार्थक कार्रवाई की मांग करती है. हालांकि हम राजनीतिक विचारधारा और दृष्टिकोण में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि ये साझा हित के मुद्दे हैं जो दलीय सीमाओं से परे हैं.’उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोगों का कल्याण, उनके अधिकारों का संरक्षण और विशिष्ट पहचान की सुरक्षा हम सभी के लिए चिंता का विषय है. ऐसे कठिन समय में यह जरूरी है कि हम अपने मतभेदों से ऊपर उठें और व्यापक भलाई के लिए एक साथ आएं.’