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इसरो अध्यक्ष का बयान- अगर भारत रॉकेट के लिए सेंसर बना सकता है, तो वह कारों के लिए भी बना सकता है

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नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष ने घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग को वाहन सेंसर बनाने में मदद की पेशकश की है। इस समय वाहन सेंसर को ऊंची कीमतों पर आयात किया जाता है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष ने घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग को वाहन सेंसर बनाने में मदद की पेशकश की है। इस समय वाहन सेंसर को ऊंची कीमतों पर आयात किया जाता है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को बंगलूरू में एक कार्यक्रम में एस सोमनाथ ने कहा कि अगर इसरो अपने रॉकेटों के लिए अंतरिक्ष-स्तरीय सेंसर का उत्पादन कर सकता है। तो देश का ऑटोमोबाइल उद्योग अंतरिक्ष एजेंसी के साथ सहयोग कर सकता है और स्वदेशी रूप से वाहन सेंसर का निर्माण कर सकता है।
सोमनाथ ने कहा, “आजकल कारों में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर ऑटोमोटिव सेंसर आयात किए जाते हैं। जबकि इसरो रॉकेट के लिए विश्वस्तरीय सेंसर पूरी तरह से भारत में ही सफलतापूर्वक बना रहा है।”

उन्होंने आगे कहा कि इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर की स्थानीय मैन्युफेक्चरिंग क्षमताओं में अंतर का पता चलता है। सोमनाथ ने कहा, “हमें लगता है कि हमारे लिए अंतरिक्ष-ग्रेडेड सेंसर का इस्तेमाल करना और उन्हें भारत में कम लागत पर बनाना संभव है।”

सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए ऑटोमोबाइल क्षेत्र के साथ चर्चा शुरू करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि इससे निर्भरता कम करने, उपलब्धता सुनिश्चित करने और इनोवेशन को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।

सोमनाथ ने स्वदेशीकरण की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि यह “एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां इसरो चाहता है कि भारतीय कंपनियां आज हमारे पास उपलब्ध ज्ञान के आधार पर उप-प्रणालियां निर्मित करें।”
उन्होंने कहा, “हर चीज को स्वदेशी बनाना या देश के भीतर से ही सब कुछ हासिल करना हमारे हित में नहीं है। लेकिन कम से कम हमें जो करना है, उसे तय करने और काम करने में बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। इस सीमा तक, हमारा मानना है कि सब कुछ भारत से ही हासिल किया जाना चाहिए।”

सोमनाथ ने निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम बनाने में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “इसरो के भीतर विकसित कई टेक्नोलॉजी अब उद्योगों के लिए उत्पादों, सेवाओं या सॉफ्टवेयर में आगे के विकास के लिए सुलभ हैं।”
उन्होंने कहा कि इसरो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स, मेटेरियल डेवलपमेंट क्वांटम और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और सिंथेटिक बायोलॉजी जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है‌।