नई दिल्ली : भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया में हर साल 482,000 से अधिक मौतें मधुमेह के कारण हो रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट में इसको लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
दुनियाभर में जिन बीमारियों के कारण हर साल स्वास्थ्य क्षेत्र पर दबाव बढ़ता जा रहा है, डायबिटीज और हृदय रोग उनमें शीर्ष पर हैं। मंगलावर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट में डायबिटीज और इसके कारण होने वाली मौतों को लेकर चिंता जाहिर की है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा, भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया में हर साल 482,000 से अधिक मौतें मधुमेह के कारण हो रही हैं। वैसे तो दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों ने डायबिटीज के प्रबंधन की दिशा में बेहतर काम किया है, हालांकि रोकथाम को बढ़ावा देने और इस रोग को नियंत्रित करने के लिए अभी भी बेहतर कदम उठाने की आवश्यकता है।
मधुमेह और इसके जोखिमों को लेकर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने कहा, डायबिटीज के कारण होने वाली जटिलताओं की रोकथाम के लिए रोगियों तक इलाज की समय पर पहुंच सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है। डायबिटीज का निदान और इलाज व्यापक, सुलभ और सस्ता करके इस गंभीर बीमारी के बढ़ते जोखिमों को रोका जा सकता है।
विशेषज्ञों ने कहा, ये बीमारी अब हर उम्र के लोगों में देखी जा रही है इसलिए सभी लोगों को सावधान रहना और इससे बचाव के लिए प्रयास करते रहना जरूरी है।
बीमारियां बढ़ा रही हैं चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इस साल जून तक, 60 मिलियन से ज्यादा लोगों को मधुमेह और उच्च रक्तचाप के लिए प्रोटोकॉल-आधारित प्रबंधन पर रखा गया है। साल 2025 तक इसके 100 मिलियन (10 करोड़) तक पहुंचने की आशंका है। इसके अलावा टाइप-1 डायबिटीज के मामले भी काफी तेजी से बढ़ रहे है। इससे पीड़ित 2.60 लाख से ज्यादा बच्चों और किशोरों को इलाज और निदान से संबंधित कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस क्षेत्र में युवा लोगों में टाइप-2 डायबिटीज के कारण भी स्वास्थ्य क्षेत्र पर अधिक दबाव देखा जा रहा है, जोकि गंभीर चिंता बढ़ाने वाली है।
आधे से ज्यादा लोगों को नहीं मिल पाता है इलाज
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि मधुमेह से पीड़ित 800 मिलियन में से आधे से ज्यादा लोगों को उपचार नहीं मिल पाता। मधुमेह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन अगर जीवनशैली में बदलाव कर लिया जाए और समय पर इलाज हो जाए तो इसके जोखिमों को नियंत्रित किया जा सकता है। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज की समस्या रही है उन्हें इस रोग को लेकर और भी सावधानी बरतते रहना चाहिए।
कैसे करें बचाव?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जीवनशैली में कुछ बदलाव और आहार में सुधार करके डायबिटीज के खतरे से बचा जा सकता है। इसके लिए संतुलित आहार जैसे साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, स्वस्थ वसा और भरपूर मात्रा में सब्जियों का सेवन करें। ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट और ज्यादा चीनी वाली चीजों के सेवन से बचा जाना चाहिए।
आहार में सुधार के साथ नियमित रूप से व्यायाम करना और उपचार के तरीकों पर ध्यान देते रहना भी जरूरी है।