बच्चे की देखभाल के लिए रखना चाहते हैं नैनी तो इन बातों का रखें ध्यान, आसान हो जाएंगे काम

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नई दिल्ली : आजकल की माताएं व्यस्त हैं। वे घर-परिवार, बच्चे, रिश्ते, सबको संभाल तो रही हैं, वो भी अपने करियर को साथ लेकर। मगर कई बार वह बच्चे पर ध्यान नहीं दे पातीं। ऐसे में विचार आता है नैनी रखने का। लेकिन सवाल यह है कि एक अच्छी नैनी मिले कैसे?

आज से करीब दस साल पहले हिंदी सिनेमा में एक फिल्म आई थी- ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’। इसका एक डायलॉग आज के परिप्रेक्ष्य में बिल्कुल सही जान पड़ता है- “आज बच्चे संस्कार बाई और ड्राइवर से सीख रहे हैं।” दरअसल, फिल्म में विद्या बालन को अपनी छोटी-सी बच्ची के लिए नैनी की जरूरत थी और इला अरुण से बात हो रही थी। जब बात पेमेंट पर आई तो उनकी हाई-फाई सैलरी जानकर विद्या ऊहापोह में पड़ गईं। तब इला अरुण पूरे आत्मविश्वास से उन्हें जवाब देती हैं कि “पहले बच्चे संस्कार घर में दादा-दादी और नाना-नानी से सीखते थे, लेकिन आज यह काम उन लोगों पर आ गया है। अगर कोई गलत नैनी आ गई तो बच्चे चोरी करने और गाली देने के साथ ही गलत आदतें भी सीख जाते हैं।”

उनकी यह बात काफी हद तक सही भी है। आज जब महिलाएं घर से बाहर कदम रख रही हैं, देर शाम घर लौट रही हैं तो ऐसी स्थिति में बच्चों की परवरिश उनकी देखभाल के लिए रखी गई बाई या अंग्रेजी भाषा में कहें तो नैनी पर आ गई है।

देखा जाए तो हमारे देश में नैनी की परंपरा काफी पुरानी रही है। पहले इन्हें ‘धाय मां’ कहकर पुकारा जाता था। राणा सांगा की पन्ना धाय मां तो अपनी कर्तव्य परायणता और त्याग के कारण इतिहास में अमर हो गईं। आज यही धाय मां मॉडर्न ‘नैनी’ का अवतार ले चुकी है।

आम परिवारों में भी नैनी रखने का प्रचलन बढ़ चला है, जिसका एक बड़ा कारण संयुक्त परिवार के ढांचे का बदलकर एकल परिवार हो जाना है। साथ ही महिलाएं भी काम पर जा रही हैं, ऐसे में बच्चों की देखभाल, उन्हें स्कूल से लाने, ले-जाने जैसे काम नैनी के जिम्मे होते जा रहे हैं। इन हालात में यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि आप किसी भरोसेमंद और सही महिला को ही अपने बच्चे की देखभाल के लिए नियुक्त करें तो अच्छा है, क्योंकि आधुनिक होते इस जमाने में अपराध भी आधुनिक होते जा रहे हैं।

ऐसे में आपके जिगर के टुकड़े की जिम्मेदारी किसी दूसरे को सौंपना यकीनन आम बात नहीं है। आप बच्चे से दूर रहकर अपने काम पर भी तभी ध्यान दे पाएंगी, जब बच्चे की देखभाल कर रही नैनी से पूरी तरह संतुष्ट होंगी। इसलिए चाहें किसी भी माध्यम से आप नैनी रखने वाली हों, कुछ बातों का ध्यान तो रखना ही होगा।

सबसे पहले पड़ताल

आप अपने बच्चे को यूं किसी के पास छोड़कर नहीं जा सकतीं। इसलिए किसी भी नैनी को रखने से पहले उसकी पृष्ठभूमि की जांच अवश्य करें। अगर आप एजेंसी से नैनी हायर कर रही हैं तो केवल एजेंसी द्वारा पेश की जा रही जानकारियों पर भरोसा न करें, बल्कि अपनी ओर से उसके बारे में जानकारी हासिल करने का प्रयास करें।

पता करें कि वह पहले कहां काम करती थी। ऐसा करके आप उसके बारे में काफी कुछ जान सकती हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि वह भरोसेमंद हो और उसे बच्चे को संभालने का अनुभव हो, विशेष रूप से उस उम्र के बच्चों का, जिस उम्र में आपका बच्चा है।

इसके बाद सबसे जरूरी है उसके महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सत्यतता की जांच करना, जैसे कि आइडेंटिटी कार्ड, वोटर आईडी, पता, फोन नंबर, मेडिकल रिपोर्ट कार्ड और बाकी जरूरी दस्तावेज। जब आप सभी चीजों से संतुष्ट हो जाएं तो नैनी के साथ एक लिखित अनुबंध बनाएं, जिसमें उसकी जिम्मेदारियां, समय और वेतन संबंधी सभी बातें स्पष्ट हों। आप लिखित अनुबंध और उसके सभी दस्तावेजों की एक या दो कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें।

स्वास्थ्य और सुरक्षा की जानकारी

आप नैनी को बच्चे की जिम्मेदारी सौंपने जा रही है, तो जरूरी है कि आप यह सुनिश्चित करें कि वह प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन स्थिति में बच्चे की सुरक्षा के प्रति कितनी सचेत है। क्या वह जरूरत पड़ने पर आपके या अन्य संपर्कों के नंबर पर घर की वस्तुस्थिति से अवगत करा सकती है? अगर बच्चे की लिए पढ़ाई के लिए डिजिटल साधनों के उपयोग की आवश्यकता है तो देखें कि नैनी को उसकी जानकारी है या नहीं। साथ ही छोटे बच्चों के लिए वह कितनी साफ-सफाई बरतती है और खुद किसी बीमारी से पीड़ित तो नहीं है?

आचरण, व्यवहार और समय प्रबंधन

एक नैनी का स्वभाव धैर्यवान और सहयोगी होना चाहिए। इसलिए आप उसके साथ बातचीत करके उसका व्यवहार और आचरण को समझने की कोशिश करें। आप नैनी को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी दें और यह सुनिश्चित करें कि वह इन सभी जिम्मेदारियों को समझती हो और उन्हें निभाने के लिए तैयार हो। साथ ही नैनी को समय प्रबंधन करना भी बखूबी आना चाहिए। आपको उसकी उपलब्धता और समय की पाबंदी का ध्यान रखना चाहिए।

वह अपने दिए गए समय पर आ रही है या नहीं? सब कुछ व्यवस्थित तरीके से करती है या नहीं? वह अन्य कामों के साथ बच्चे का सही से ख्याल रख रही है या नहीं? ये सब देखने और आश्वस्त होने के बाद ही आप उसे नियमित करें, वरना बाद में बेवजह की परेशानी हो सकती है। इन सावधानियों के बाद भी आपकी नैनी ठीक से काम कर रही है या नहीं, इसकी खबर रखना आपकी जिम्मेदारी है, क्योंकि आपके पीछे बच्चा और घर उसी के हवाले रहते हैं।

सुझाव दे, आलोचना नहीं

बच्चे की देखभाल करने वाले से कुछ रचनात्मक सुझावों का स्वागत करना अच्छी बात है, खासकर तब, जब वह आपके बच्चे के साथ अपना ढेर सारा समय बिताती है। लेकिन अगर आपको लगता है कि पोषण, नींद और सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दों पर आप दोनों एकमत नहीं हैं और उल्टा वही हर वक्त आपको नसीहत देती रहती है तो हो सकता है कि यह रिश्ता लंबे समय तक न टिक पाए।

बच्चे और नैनी का व्यवहार

एक मां अपने बच्चे की नींद और भूख के बारे में सब जानती है, इसलिए कभी आपको लगे कि बच्चा आपके लौटने पर ऐसे खाता है, जैसे उसने पूरे दिन कुछ खाया ही न हो या हमेशा थका हुआ दिखे तो यह भी एक गलत संकेत हो सकता है। संभव है कि नैनी आपके बच्चे की देखभाल सही तरह से न कर रही हो।

असल में, बच्चों का व्यवहार उनकी मनोदशा के बारे में काफी कुछ कह देता है, इसलिए यदि आप नैनी रखने के बाद अपने बच्चे को डरा हुआ, चिंतित, अलग-थलग या उसके व्यवहार में कोई गंभीर परिवर्तन देखें तो सचेत हो जाएं। बच्चे कुछ भी बताने के लिए बहुत छोटे और अबोध होते हैं, लेकिन उनका बदला हुआ व्यवहार आपके लिए खतरे की घंटी हो सकता है, जिससे आप समय रहते अलर्ट होकर आने वाली किसी भी बड़ी मुसीबत को टाल सकती हैं।

वहीं कई बार बच्चों को नैनी के साथ तालमेल बिठाने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होती है। वे शुरुआत में रो सकते हैं, नाराज हो सकते हैं या गुस्सा कर सकते हैं। यह आम बात है, लेकिन उस समयावधि के बाद भी अगर आपका बच्चा डरा हुआ लगता है या दुखी रहता है तो इस पर आपका ध्यान देना जरूरी हो जाता है और इसके लिए जरूरी है आपको अपनी आंखों और दिमाग को खुला रखना। इसलिए आप अपने बच्चे और नैनी के बदले हुए व्यवहार पर ध्यान रखें।

आपको सब पता होना चाहिए

आपका बच्चा और उसकी देखभाल करने वाली नैनी अपना समय कैसे बिताते हैं, यह आपके लिए रहस्य नहीं होना चाहिए और इसकी पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए। जब आप घर आती हैं तो अपने बच्चे के दिनभर के क्रियाकलापों के बारे में सुनने के लिए उत्सुक होती हैं। ऐसे में अगर आपकी नैनी दिनभर की बातें आपसे छुपाती है या बच्चे से छुपाने को कहती है तो ये सब सही नहीं है।

यह सही है कि देखभाल करने वाला कभी भी माता-पिता की जगह नहीं ले सकता, फिर भी एक बच्चे को अपनी नैनी या बेबीसिटर के साथ सहज महसूस करने की जरूरत होती है। अगर ऐसा नहीं हो पा रहा है तो इसका मतलब यह है कि आपके बच्चे और देखभाल करने वाले के बीच तालमेल नहीं बन पाया है या नैनी आपके बच्चे की देखभाल ठीक से नहीं कर पा रही है।

हर मानवीय रिश्ते की तरह यहां भी सही केमिस्ट्री होना जरूरी है। वो भी तब, जबकि आप उसे पूरे दिन के लिए किसी दूसरे व्यक्ति के भरोसे छोड़कर जा रही हों। वहीं यह बात बिलकुल सही है कि बच्चे जिनके साथ रहते हैं, उनकी तरह ही व्यवहार करते हैं। उनकी भाषा ही सीखते हैं। इसलिए आपकी नैनी का व्यवहार और बोलने का तरीका सभ्य होना चाहिए। उस में कोई गंदी आदत नहीं होनी चाहिए, वरना आपका बच्चा भी वही सब सीखेगा, क्योंकि कुछ उदाहरणों को छोड़कर आज बच्चे उनके पास ज्यादा रहते हैं।

नैनी के व्यवहार को समझना जरूरी

बाल विकास सलाहकार डॉ. रोहिणी सेठी कहती हैं, आज के समय में जहां माता-पिता, दोनों ही काम कर रहे हैं, नैनी एक जरूरत बन गई है। लेकिन आपका सबसे पहला और जरूरी कदम है, नैनी का बैकग्राउंड चेक करना, उसका पुलिस वेरिफिकेशन करना, पिछले रिकॉर्ड चेक करना, उसकी मेडिकल हिस्ट्री देखना और उसके व्यवहार को समझना। आप जांचें कि वह पढ़ी-लिखी हो और नई टेक्नोलॉजी से वाकिफ हो, क्योंकि यह आपके बच्चे के विकास के लिए जरूरी है।

साथ ही आप एकदम से अपने बच्चे को नैनी के पास न छोड़ें। कुछ दिनों तक नैनी और बच्चे, दोनों के साथ रहें, ताकि आपके बच्चे को उसके साथ घुलने-मिलने का समय मिल जाए। फिर धीरे-धीरे आप बच्चे को नैनी के पास छोड़ना शुरू करें। इससे बच्चे को नैनी के साथ दोस्ताना रिश्ता कायम करने का समय मिल जाएगा।

आप बच्चे की सुरक्षा के लिए घर में एक सीसीटीवी कैमरा भी जरूर लगवाएं। दूसरी सबसे जरूरी बात है, नैनी से अपनी अपेक्षाएं शेयर करना, जैसे कि बच्चे को स्कूल से लाना और उसे समय पर खाना खिलाना। तीसरी सबसे जरूरी बात है कि आप नैनी को अपने परिवार के तौर-तरीके और परवरिश का तरीका बताएं, ताकि आपका बच्चा नैनी की देखरेख में किसी गलत आदत को न सीखे।