नई दिल्ली : क्या आप जानते हैं कि कैंसर, पुरुषों-महिलाओं को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, 20 से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को नियमित रूप से अपने स्तनों की खुद से जांच करते रहना चाहिए। क्यों? आइए जानते हैं।
मेडिकल क्षेत्र में शोध और नवाचार के चलते पहले की तुलना में अब कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज जरूर आसान हो गया है, पर इस रोग के कारण अब भी हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि कैंसर आनुवंशिक और बाहरी कारकों के संयोजन के कारण होने वाली बीमारी है। चूंकि ये बीमारी सभी उम्र और लिंग को प्रभावित करती है इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को कैंसर से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं।
क्या आप जानते हैं कि कैंसर, पुरुषों-महिलाओं को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है? अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में कैंसर होने की आशंका अधिक होती है। पुरुषों में प्रोस्टेट, कोलन, फेफड़े और त्वचा के कैंसर जबकि महिलाओं में स्तन और सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक देखा जाता है।
इस लेख में हम महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर और इसकी कैसे पहचान की जा सकती है, इस बारे में बात करेंगे।
महिलाओं में कैंसर का खतरा
महिलाओं में कैंसर के वैश्विक आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट कैंसर के रिपोर्ट किए जाते हैं। वैसे तो इस कैंसर का खतरा 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है, हालांकि लाइफस्टाइल और कई अन्य कारकों के चलते 20 की उम्र में भी लड़कियां इसका शिकार हो रही हैं। इसलिए कम उम्र से ही स्तन कैंसर के जोखिम कारकों को लेकर सभी महिलाओं को सावधानी बरतते रहनी की जरूरत है।
आइए उन लक्षणों के बारे में जानते हैं जिनपर ध्यान देकर आप समय रहते स्तन कैंसर का पहचान कर सकती हैं। समय पर निदान और उपचार हो जाने से कैंसर के ठीक होने और जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।
सवाल- स्तन में कोई गांठ तो नहीं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, 20 से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को नियमित रूप से अपने स्तनों की खुद से जांच करते रहना चाहिए। अगर आपके स्तन के आकार में कोई बदलाव नजर आता है या फिर छूने पर किसी तरह की गांठ महसूस होती है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। अधिकांश महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले में शुरुआत में इन दोनों लक्षणों का अनुभव होता है। अगर इस तरह की दिक्कत कुछ समय तक बनी रहती है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से जल्द से जल्द सलाह ले लें।
सवाल- स्तन में दर्द या कोई डिस्चार्ज तो नहीं?
स्तनों में दर्द रहना या निप्पल से किसी प्रकार का डिस्चार्ज होते रहना भी अलार्मिंग है, जिसको लेकर सभी लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए।
क्या आपको लगातार स्तनों में दर्द महसूस होती रहती है? स्तनों में लालिमा, सिकुड़न या निप्पल में कोई असामान्य सा परिवर्तन नजर आ रहा है? अगर हां तो ये स्तन कैंसर के लक्षण हो सकते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। स्तन कैंसर के कुछ मामलो में निप्पल से खूनी डिस्चार्ड भी हो सकता है, इस तरह के संकेतों पर समय रहते गंभीरता से ध्यान दें और उपचार प्राप्त करें।
स्तन कैंसर से बचे रहने के लिए क्या करना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, स्तन कैंसर से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
स्तन कैंसर से बचे रहने के लिए वजन को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है। मोटापा स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है इसलिए इसे कंट्रोल में रखने के उपाय करें।
शोध से पता चलता है कि शारीरिक गतिविधि, नियमित व्यायाम के माध्यम से स्तन कैंसर के जोखिम को 10% तक कम किया जा सकता है।
विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियों का सेवन करें। इनमें एंटीकैंसर और एंटीइंफ्लामेटरी गुण होते है जो कैंसर से बचा सकते हैं।
शराब और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखना जरूरी है, इनके कारण भी स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।