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कैसे पहुंचे प्रयागराज? जानिए महाकुंभ में शामिल होने के लिए कहां ठहरे और खर्च की पूरी डिटेल

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नई दिल्ली : यहां आपको महाकुंभ में शामिल होने के लिए बजट ट्रिप की योजना बनानी है तो यात्रा के दौरान इन बातों का ध्यान रखें।

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है। 26 फरवरी तक महाकुंभ जारी रहेगा, जिसमें देश विदेश से यात्री पहुंच रहे हैं। महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के मौके पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई और अब तक के किसी आयोजन में सबसे बड़ी संख्या में शामिल होने का रिकॉर्ड बना दिया। संगम स्नान के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की संभावना है। ये श्रद्धालु भारत के उत्तर से लेकर दक्षिण से तो पहुंच ही रहे हैं लेकिन बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी प्रयागराज महाकुंभ की ओर आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि महाकुंभ आने की इच्छा रखने वाले बहुत से लोग ये जानना चाहते हैं कि उनके शहर से प्रयागराज तक की यात्रा सस्ते में और कम समय में कैसे की जा सकती है। यहां आपको महाकुंभ में शामिल होने के लिए बजट ट्रिप की योजना बनानी है तो यात्रा के दौरान इन बातों का ध्यान रखें।

कैसे पहुंचे प्रयागराज महाकुंभ

हवाई मार्ग के जरिए महाकुंभ में आने के लिए प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट पर पहुंचे जो कि शहर से लगभग 12 किमी दूर है। यहां से प्राइवेट टैक्सी, सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिल जाएगी। आप चाहें तो लखनऊ एयरपोर्ट या वाराणसी एयरपोर्ट के जरिए भी आ सकते हैं। बनारस एयरपोर्ट लगभग 120 किमी और लखनऊ 200 किमी दूर है।

बजट ट्रिप के लिए रेल मार्ग का चयन कर सकते हैं। प्रयागराज भारत के प्रमुख रेलवे नेटवर्क से जुड़ा है। प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज सिटी स्टेशन और नैनी रेलवे स्टेशन से संगम स्थली आसानी से पहुंच सकते हैं। कुंभ के दौरान विशेष ट्रेनें भी चलाई गई हैं।

आप प्रयागराज के लिए रोड ट्रिप भी कर सकते हैं।प्रयागराज राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से अच्छी तरह जुड़ा है। दिल्ली से प्रयागराज लगभग 700 किमी, लखनऊ से 200 किमी, वाराणसी से 120 किमी दूर है। निजी वाहन, सरकारी और प्राइवेट बसों से कुंभ मेले में आसानी से पहुंचा जा सकता है।

महाकुंभ में कहां ठहरें?

महाकुंभ के दौरान ठहरने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। यहां प्रशासन ने टेंट सिटी बसाई हुई है। कुंभ क्षेत्र में बने अस्थायी टेंट सिटी में आपको कई सुविधाएं मिल जाएंगी। साधारण से लेकर लग्ज़री टेंट, शौचालय, भोजन और सुरक्षा की दृष्टि से ये रहने योग्य हैं। सुविधाओं के अनुसार प्रतिदिन टेंट का किराया 500 रुपये से 10,000 रुपये तक हो सकता है।

इसके अलावा कई धार्मिक संस्थान और आश्रम सस्ते में ठहरने की सुविधा देते हैं, जहां आपको 200 रुपये से 1,000 रुपये प्रति दिन खर्च करना पड़ सकता है। प्रयागराज में बजट होटल से लेकर लग्ज़री होटलों तक कई विकल्प हैं। 1,000 रुपये से 10,000 प्रति दिन के लिए होटल रूम आपको प्रयागराज में मिल जाएंगे।

खर्च का विवरण

महाकुंभ में शामिल होने का खर्च आपकी यात्रा, ठहरने और खानपान की पसंद पर निर्भर करता है। यात्रा का खर्च आपके परिवहन पर आधारित है। जैसे अगर आप हवाई यात्रा कर रहे हैं तो 3000 से 10000 रुपये खर्च हो सकते हैं। वहीं ट्रेन का किराया 500 से 2500 रुपये हो सकता है। बस यात्रा के लिए 300-1,500 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।

टेंट सिटी में ठहर रहे हैं तो 500 से 10000 रुपये प्रतिदिन, होटल रूम के लिए 1,000 से 10,000 रुपये और आश्रम में निवास करने पर 200 रुपये से 1,000 प्रति दिन का खर्च आ सकता है।

महाकुंभ में खाना बहुत अधिक महंगा नहीं मिलेगा आप साधारण भोजन 50 से 200 रुपये प्रति व्यक्ति के खर्च पर ले सकते हैं। अच्छे रेस्तरां में 1000 रुपये तक खाने का व्यय हो सकता है।इसके अलावा अन्य खर्चों में स्थानीय परिवहन, पूजा/दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था आदि शामिल है, जिसमें 1000/2000 रुपये खर्च होंगे।