नई दिल्ली : क्या माता पिता भी अपने बच्चों की प्रॉपर्टी को क्लेम कर सकते हैं? भारतीय कानून में माता पिता का बच्चों की संपत्ति में कितना हक है? इसको लेकर क्या नियम बनाए गए हैं?
प्रॉपर्टी से जुड़े अधिकारों को लेकर अक्सर कई लोगों के बीच काफी कन्फ्यूजन रहती है। माता-पिता की प्रॉपर्टी पर उनके बच्चों का अधिकार होता है, इसको लेकर हम में से अधिकतर लोगों को पता है। वहीं, क्या कभी आपने इस सवाल पर विचार किया है कि बच्चों की प्रॉपर्टी पर मां-बाप का कितना हक होता है? अगर आप इस बारे में जानना चाहते हैं, तो यह खबर खास आपके लिए है। आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।
अक्सर कई लोग यह सवाल करते हैं कि क्या माता-पिता भी अपने बच्चों की प्रॉपर्टी को क्लेम कर सकते हैं? भारतीय कानून में माता-पिता का बच्चों की संपत्ति में कितना हक है? इसको लेकर क्या नियम बनाए गए हैं? किन परिस्थितियों में माता-पिता अपने बच्चों की संपत्ति को क्लेम कर सकते हैं? आज हम आपको इन्हीं सब सवालों के बारे में बताने जा रहे हैं।
हिंदू उत्तराधिकार नियमों के तहत माता-पिता का हक
हिंदू उत्तराधिकार नियमों के अंतर्गत सामान्य परिस्थितियों में माता-पिता अपने बच्चों की संपत्ति में अधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं। हालांकि, कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं, जिनमें माता-पिता अपने बच्चों की संपत्ति पर दावा कर सकते हैं।
नियमों के मुताबिक, अगर बच्चे की किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है या बालिग या अविवाहित होने की स्थिति में उसकी बिना वसीयत बनाए ही मृत्यु हो जाती है, तो माता-पिता बच्चे की प्रॉपर्टी को क्लेम कर सकते हैं। इसको लेकर उनको अधिकार दिए गए हैं।
बच्चे की संपत्ति में मां-बाप का अधिकार
हिंदू उत्तराधिकार कानून के मुताबिक, बच्चे की संपत्ति में मां-बाप का अधिकार उसके लिंग से भी तय होता है।
यदि संतान लड़का है और शादी से पहले दुर्भाग्यवश उसकी मृत्यु हो जाती है, तो संपत्ति में पहले वारिस के तौर पर उसकी मां को हक दिया जाता है।
वहीं, दूसरे वारिस के तौर पर पिता को हक दिया जाता है।
अगर लड़के की मां की भी मृत्यु हो जाती है, तो पिता और संपत्ति के दूसरे वारिस में इसका बंटवारा होता है।
इसके अलावा, अगर बेटा विवाहित था और उसने वसीयत नहीं लिखी थी, तो इस स्थिति में उसकी संपत्ति पर हक पत्नी का होता है।