नई दिल्ली : दुनिया के कई देश पिछले कुछ महीनों से मंकीपॉक्स संक्रमण झेल रहे हैं। मुख्यरूप से घाना-कांगों जैसे अफ्रीकी देशों में वर्षों से प्रकोप का कारण बनने वाला ये वायरस अब यूएस-यूके सहित एशियाई देशों में बढ़ता देखा जा रहा है। भारत में भी पिछले हफ्ते एक संक्रमित की पुष्टि की गई है, उसकी हालत स्थिर है। इस संक्रामक रोग के जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों से निरंतर बचाव के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक एडवाइजरी में स्पष्ट किया है कि देश में मंकीपॉक्स से अन्य लोगों के लिए किसी व्यापक जोखिम का कोई संकेत नहीं है, इसलिए डरें या घबराएं नहीं। बस सभी लोगों को संक्रमण की रोकथाम को लेकर सावधान रहने की जरूरत है।
अध्ययनों की रिपोर्ट से पता चलता है कि समलैंगिक और बाइसेक्सुअल लोग मंकीपॉक्स संक्रमण का सबसे ज्यादा शिकार देखे जा रहे हैं। 18-44 की आयु वालों में इसका खतरा अधिक होता है, इसमें भी पुरुष ज्यादा शिकार हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महिलाएं और बच्चे भी इसका शिकार हो सकते हैं? उनमें संक्रमण की स्थिति कितनी खतरनाक होती है, आइए इस बारे में समझते हैं।
महिलाओं में मंकीपॉक्स संक्रमण का खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट में बताया, वैश्विक स्तर पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि 96.4% मामले पुरुषों में हैं, जिनकी औसत आयु 34 वर्ष है। मामलों का आयु और लिंग के आधार पर वितरण समय के साथ स्थिर बना हुआ है। महिलाओं में भी इसका खतरा हो सकता है पर ऐसे मामले कम हैं। साल 2023 के वर्ल्ड जर्नल ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि 95.7% मंकीपॉक्स संक्रमण के केस पुरुष और केवल 2.3% मामले महिलाओं में देखे गए थे।
विशेषज्ञ कहते हैं महिलाओं को संक्रमण से सुरक्षित नहीं माना जा सकता है, पर उनमें मामले कम रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग जैसे कि गर्भवती महिलाएं, इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेने वाले लोग, बच्चे-बुजुर्गों को इससे विशेष बचाव करते रहने की जरूरत है।
गर्भवती ने स्वस्थ बच्चे को दिया था जन्म
इन जोखिमों के बीच जुलाई 2022 में यूएस में फैले संक्रमण के दौरान मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित एक गर्भवती ने स्वस्थ बच्चे को जन्म भी दिया था। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, बच्चा और मां दोनों स्वस्थ थे। पिछले प्रकोपों के दौरान एक अन्य मामले में, गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे को संक्रमण हो गया था, हालांकि इस मामले में बच्चा संक्रमण से सुरक्षित थे।
संक्रमण के वैश्विक डेटा के आधार पर सीडीसी ने चेतावनी दी थी कि गर्भवती महिलाओं को मंकीपॉक्स से गंभीर खतरा हो सकता है, इसलिए ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
गर्भावती कैसे करें संक्रमण से बचाव
नोएडा स्थित एक निजी अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मनीषा रंजन बताती हैं, गर्भवती को किसी भी प्रकार के संक्रमण को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। देश में संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
जिन स्थानों पर एमपॉक्स का संक्रमण अधिक है वहां घर के भीतर ही रहना ज्यादा अच्छा है। ऐसे व्यक्तियों के साथ नजदीकी संपर्क से बचना चाहिए जिनमें लक्षण हो सकते हैं। बार-बार हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में N95 मास्क पहनना भी कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है। मंकीपॉक्स के बारे में सही जानकारी रखें और खुद को संक्रमण से बचाने के लिए प्रयास करती रहें।
संक्रमण का जोखिम
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यौन संपर्कों के अलावा संक्रमित के निकट संपर्क और शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से भी वायरस फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं जैसे कपड़े, चादर, तौलिए आदि के इस्तेमाल से बचें। वैसे तो देश में संक्रमण का खतरा अधिक नहीं है फिर भी बचाव के उपाय जरूरी हैं, विशेषकर गर्भवती और कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए।
अगर आपको संक्रमण हो जाए तो किसी डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। समय रहते सहायक उपचार मिल जाने से लक्षणों को कम करने और जान बचाने में मदद मिल सकती है।